रूस से लड़ने के लिए यूक्रेन में चल रहा है क्रैश कोर्स, प्रशिक्षुओं ने धमाके के दौरान खुद को बचाने का भी गुर सीखा
रूस से लड़ने के लिए यूक्रेन में चल रहा है क्रैश कोर्स
लवीव, रायटर। जब देश संकट में हो तो हर नागरिक का धर्म होता है कि वह प्राण देकर भी देश की रक्षा करे। प्रभावी तरीके से दुश्मनों से मुकाबला करने के लिए युद्ध कौशल और हथियार चलाने का प्रशिक्षण आवश्यक है। यूक्रेन में जिस तरह लड़ाई जारी है, यूक्रेन के आम नागरिकों ने भी लड़ने का 'क्रैश कोर्स' किया। क्रैश कोर्स के जरिये बेहद कम समय में प्रशिक्षण या पाठ्यक्रम को पूरा किया जाता है।
यूक्रेन पर हमले से पहले एंड्री सेनकिव शांतिप्रिय थे। उन्होंने अपने जीवन में कभी बंदूक नहीं उठाई, लेकिन उन्होंने लवीव शहर में 30 अन्य लोगों के साथ असाल्ट राइफल चलाना सीखा। क्रैश कोर्स करने वाले इन लोगों में आइटी विशेषज्ञ, एक रसोइया और खिलाड़ी भी शामिल हैं। यहां लोगों को प्रशिक्षण देने वाले डेनिस कोहुट डोनबास क्षेत्र में लड़ाई लड़ चुके हैं। उन्होंने मेज पर तीन असाल्ट राइफलें रखकर प्रशिक्षण की शुरुआत की। उन्होंने समझाया कि ये कैसे काम करती हैं। उन्होंने एक सप्ताह में दी जाने वाली ट्रेनिंग एक ही दिन में पूरी कर दी।
प्रशिक्षुओं ने धमाके के दौरान खुद को बचाने का भी गुर सीखा
यह पूछे जाने पर कि क्या वह रूसी सैनिकों से लड़ने के लिए तैयार हैं, 27 वर्षीय सेनकिव ने कहा, 'मैं राष्ट्र की रक्षा करने के लिए लड़ाई लडूंगा। इन लोगों को लवीव के वारियर्स हाउस में प्रशिक्षण दिया गया। सोवियत संघ के समय यहां रूस का सांस्कृतिक केंद्र हुआ करता था। प्रशिक्षुओं को युद्ध से संबंधित कई बारीकियां भी बताई गई। प्रशिक्षुओं ने धमाके के दौरान खुद को बचाने का भी गुर सीखा। नेशनल गार्ड आफ यूक्रेन के अनुसार रूसी हमले के बाद से यूक्रेन के एक लाख से अधिक लोग खुद आगे आकर युद्ध लड़ने का प्रशिक्षण ले चुके हैं। इन लोगों को पता है कि उन्हें जल्द ही रूसी सेना से लड़ने के लिए मोर्चे पर भेजा जा सकता है।