COVID-19: रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने दिया सुझाव, चीन और भारत में वी वैक्सीन का होगा प्रोडक्शन
यह वैक्सीन का प्रोडक्शन शुरू करने के लिए चीन और भारत में दवा कंपनियों के साथ भी समझौता हो चुका है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को कोरोना वायरस की वैक्सीन डेवलप करने के लिए साझा कोशिशें करने की अपील की। उन्होंने सुझाव दिया कि चीन और भारत में रूस की स्पुतनिक वी वैक्सीन का प्रोडक्शन किया जा सकता है।
ब्रिक्स सम्मेलन में उन्होंने कहा कि रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड ने ब्राजील और भारतीय पार्टनर के साथ इस वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल के लिए करार किया है। यह वैक्सीन का प्रोडक्शन शुरू करने के लिए चीन और भारत में दवा कंपनियों के साथ भी समझौता हो चुका है। इससे उनकी अपनी जरूरतें तो पूरी होंगी ही, तीसरी दुनिया के देशों को भी इससे फायदा होगा।
रूसी वैक्सीन 92 प्रतिशत असरदार
11 अगस्त को रूस कोरोना वायरस की वैक्सीन का रजिस्ट्रेशन करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया था। गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ने यह वैक्सीन विकसित की है। रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) विदेशों में वैक्सीन के प्रोडक्शन और प्रमोशन कर रहा है। पिछले हफ्ते देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऐलान किया था कि स्पुतनिक वी वैक्सीन कोरोना को रोकने में 92 प्रतिशत कारगर है।
दुनिया में कोरोना मरीजों का आंकड़ा शुक्रवार को 5.53 करोड़ के पार हो गया। 3 करोड़ 84 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। अब तक 13 लाख 31 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। ये आंकड़े www.worldometers.info/coronavirus के मुताबिक हैं।
अमेरिका में सिर्फ 6 दिन में 10 लाख केस
अमेरिका में कोरोना से हर रोज एक लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। अमेरिका में संक्रमितों का आंकड़ा रविवार को एक करोड़ 10 लाख से ज्यादा हो गया था। आखिरी 10 लाख केस तो महज 6 दिन में सामने आए। जबकि, पहले 10 लाख केस 100 दिन में सामने आए थे। एक करोड़ से एक करोड़ 10 लाख मामले होने में एक हफ्ते से भी कम वक्त लगा। इतना ही नहीं, हॉस्पिटल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन ने मॉडर्ना कंपनी की वैक्सीन के दावे पर तो खुशी जताई, लेकिन साथ ही कहा कि देश में कोरोना से और लोगों की मौत हो सकती है।
राज्य सरकारें भी अब सख्ती कर रही हैं। नॉर्थ डकोटा में मास्क पहनना जरूरी कर दिया गया है। मिशिगन में कॉलेज, हाईस्कूल और ऑफिसों को तीन हफ्ते के लिए बंद कर दिया गया है। वॉशिंगटन में दूसरों के घरों में जाने पर रोक लगा दी गई है। रेस्टोरेंट्स और बार भी बंद रहेंगे। व्हाइट हाउस के कोरोनावायरस एडवाइजर स्कॉट एटलस ने लोगों से गाइडलाइन्स का पालन करने को कहा है।
सर्दियां खतरनाक साबित हो सकती हैं- बाइडेन
प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन ने कहा है कि अमेरिका में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है। द गार्डियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बाइडेन और ट्रम्प के बीच चुनाव खत्म होने के बावजूद इस मुद्दे पर मतभेद जारी हैं। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाइडेन ने कहा- वैक्सीन के बारे में हमें जो जानकारी मिली है, वो बहुत अच्छी खबर है। लेकिन, हम सावधानी से आगे बढ़ेंगे। हमें ध्यान रखना होगा कि वायरस अब भी खतरनाक है और इससे कई लोगों की मौत हो सकती है। खासकर यह सर्दियां खतरनाक साबित हो सकती हैं।
जर्मनी में दिक्कत
जर्मनी में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां चांसलर एंजेला मर्केल की सरकार सॉफ्ट लॉकडाउन पर विचार कर रही है। लेकिन, इसके लिए राज्य सरकारें तैयार नहीं हैं। जर्मनी में कुल 16 राज्य हैं और ये लॉकडाउन के मुद्दे पर केंद्र के फैसले का विरोध करने पर उतारू हैं। चांसलर चाहती हैं कि लोग सिर्फ जरूरी सामान के लिए घर से निकलें। लेकिन, राज्यों का कहना है कि इससे अर्थव्यवस्था चौपट हो जाएगी, जो गहरे दबाव में है।
मॉडर्ना मांगेगी मंजूरी
अमेरिका की बॉयोटेक कंपनी मॉडर्ना ने सोमवार को कोविड-19 वैक्सीन का ऐलान किया। कंपनी का दावा है कि यह वैक्सीन कोरोना के मरीजों को बचाने में 94.5% तक असरदार है। यह दावा लास्ट स्टेज क्लिनिकल ट्रायल के नतीजों के आधार पर किया गया है। खास बात यह है कि यह वैक्सीन 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान में 30 दिन तक सुरक्षित रह सकती है।
कंपनी ने बताया कि फेज-3 के ट्रायल में अमेरिका में 30,000 से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया। इनमें 65 से ज्यादा हाई रिस्क कंडीशन वाले और अलग-अलग समुदायों से थे। कंपनी के चीफ एग्जिक्यूटिव स्टीफन बैंसेल ने इस कामयाबी को वैक्सीन के डेवलपमेंट में एक अहम पल करार दिया। इस पर कंपनी जनवरी की शुरुआत से काम कर रही थी। कंपनी ने कहा है कि वो जल्द ही इस वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मांगेगी।
साउथ कोरिया में तीसरी लहर
दक्षिण कोरिया की हेल्थ मिनिस्ट्री ने माना है कि देश में संक्रमण की तीसरी लहर सामने आ चुकी है। लगातार आठवें दिन यहां 200 से ज्यादा मामले सामने आए। मिनिस्ट्री द्वारा जारी आंकड़ों में बताया गया है कि शनिवार को कुल 208 केस सामने आए। सरकार ने एक बार फिर संकेत दिए हैं कि वो तीसरी लहर को रोकने के लिए सख्त कदम उठाएगी।
जनवरी से मार्च के बीच यहां पहली लहर थी। जून से अगस्त के बीच दूसरी और अब तीसरी लहर है। हालांकि, हेल्थ मिनिस्ट्री ने ये भी कहा है कि संक्रमण की मुख्य वजह विदेश से आने वाले लोग हैं। शनिवार को दर्ज किए गए 208 में से 176 मामले इम्पोर्टेड बताए गए हैं।