म्यांमार की अपदस्थ नेता आंग सान सू की गिरफ्तारी के बाद पहली बार व्यक्तिगत रूप आई कोर्ट

चार जातीय सशस्त्र समूहों का गठबंधन है जो तख्तापलट के खिलाफ भी हैं। वे सुरक्षा बलों पर हमले कर रहे हैं

Update: 2021-05-25 02:15 GMT

इस साल एक फरवरी को हुए तख्तापलट के बाद हिरासत में ली गई म्यांमार की अपदस्थ नेता आंग सान सू की पहली बार सोमवार को व्यक्तिगत रूप से अदालत के समक्ष पेश हुईं। उनके वकीलों में से एक मिन मिन सो ने मीडिया को फोन करके बताया कि सू की राजधानी नेपीता की नगर परिषद इमारत में स्थापित विशेष अदालत में पेश हुईं और इससे पहले अपने वकीलों से भी मिलीं।

वकील राष्ट्रपति विन मिंट से भी मिले जिनकी सरकार में सूकी स्टेट काउंसलर थीं। वह भी उन्हीं आरोपों का सामना कर रहे हैं जिनका सामना सूकी कर रही हैं। सूकी कई आपराधिक मामलों का सामना कर रही हैं लेकिन पूर्व में उन्हें वीडियो कांफ्रेंस के जरिये अदालत में पेश किया जाता था और उन्हें किसी वकील से भी मिलने की अनुमति नहीं दी जा रही थी।
मिन मिन सो ने कहा, उनकी पार्टी लोगों के साथ खड़ी है और सबकी बेहतरी की कामना करती है
वकील मिन मिन सो ने बताया कि सूकी का म्यांमार के लोगों को संदेश है कि उनकी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) पार्टी उनके साथ खड़ी है। वकील मिन मिन सो ने अदालत में सुनवाई के बाद कहा, सूकी ने मुख्य बात यह कही कि वे हमेशा सभी लोगों की अच्छी सेहत और बेहतरी की कामना करती हैं। उन्होंने बताया कि सूकी तरोताजा, स्वस्थ और आत्मविश्वास से लबरेज दिख रही थीं।
सूकी पर लगे आरोप
आंग सान सूकी पर दो मामले कोविड-19 के मद्देनजर 2020 के चुनाव प्रचार में प्राकृतिक आपदा प्रबंधन कानून का उल्लंघन करने के हैं। इसके अलावा उन पर गैर कानूनी तरीके से वाकी-टॉकी का आयात अपने अंगरक्षकों के लिए करने, बिना लाइसेंस रेडियो का इस्तेमाल करने और ऐसी सूचना फैलाने के आरोप है जिनकी वजह से लोगों में तनाव पैदा हो सकता था। उन पर सबसे गंभीर आरोप औपनिवेशिक कालीन गोपनीयता कानून को भंग करने का है जिसमें उन्हें 14 साल कैद हो सकती है लेकिन इस मामले की सुनवाई दूसरी अदालत कर रही है।
तख्तापलट विरोधियों से संघर्ष में मारे गए 13 सुरक्षाकर्मी
म्यांमार के सैन्य शासन का विरोध करने वालों के साथ संघर्ष में सुरक्षा बलों के 13 सदस्यों की मृत्यु हो गई है। एशिया निक्केई ने म्यांमार मीडिया के हवाले से कहा कि पीपुल्स डिफेंस फोर्स ने रविवार तड़के सुरक्षा बलों के साथ संघर्ष किया। फरवरी के तख्तापलट के बाद गठित पीपुल्स डिफेंस फोर्स, चार जातीय सशस्त्र समूहों का गठबंधन है जो तख्तापलट के खिलाफ भी हैं। वे सुरक्षा बलों पर हमले कर रहे हैं

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