उत्तरी अफ्रीकी देश सूडान में तख्तापलट की कोशिश नाकाम कर दी गई, नियंत्रण में स्थिति
नागरिक प्रतिनिधि और विरोध प्रदर्शन करने वाले समूह शामिल हों. हालांकि देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमराई हुई है. इस सरकार पर आर्थिक और राजनीतिक सुधार करने का दबाव है.
उत्तरी अफ्रीकी देश सूडान में तख्तापलट की कोशिश नाकाम कर दी गई है. इस बात की जानकारी देश की सरकारी मीडिया ने दी. हालांकि साजिशकर्ताओं के नाम का खुलासा अभी नहीं हुआ है (Sudan Coup Latest News). मीडिया ने मंगलवार को बताया, 'तख्तापलट की असफल कोशिश हुई है, लोगों को इसका सामना करना चाहिए.' समाचार एजेंसी एएफपी से बात करते हुए एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने बताया कि साजिशकर्ताओं ने सरकारी मीडिया की इमारत पर कब्जा करने की भी कोशिश की, जो 'विफल' हो गई.
सरकारी मीडिया ने तख्तापलट से जुड़ी जानकारी ब्रेकिंग न्यूज के तौर पर दी है. इस दौरान साजिश रचने वाले समूह को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई. वहीं सूडान सेना (Sudan Army) के जुड़े सूत्र ने तुर्की की समाचार एजेंसी से कहा कि एक कट्टरवादी समूह ने देश पर कब्जा करने की कोशिश की थी. एक फेसबुक पोस्ट में सॉवेरेनिटी काउंसिल के सदस्य अल फाकी सुलेमान ने सुडान की जनता से कहा कि देश में तख्तापलट की कोशिश की गई है, उसका सामना करें. इसके साथ ही उन्होंने लोगों से कहा कि 'देश की रक्षा और लोकतांत्रिक बदलाव की स्थिति का सामना करने के लिए आगे आएं.'
संदिग्धों से की जाएगी पूछताछ
सुलेमान ने अपनी पोस्ट में बताया कि तख्तापलट की कोशिश करने वाले संदिग्धों से पूछताछ शुरू होना अभी बाकी है (Coup Attempt in Sudan). उन्होंने बताया कि सेना जल्द ही बयान जारी करेगी. सरकारी मीडिया ने बताया कि सरकार को तख्तापलट की आशंका की जानकारी सोमवार शाम को दी गई थी, जिसके बाद इसे तुरंत विफल कर दिया गया. अभी तख्तापलट के पीछे के असल कारण का पता नहीं चल सका है. फिलहाल देश की स्थिति नियंत्रम में है और मामले की जांच भी की जा रही है.
सत्ता से हटाए गए थे राष्ट्रपति
देश में सबसे लंबे समय तक सत्ता में रहे राष्ट्रपति ओमर अल-बशीर (Omar al-Bashir) को दो साल पहले साल 2019 में सत्ता से हटा दिया गया था. इसके बाद सत्ता को बांटने के लिए एक अग्रीमेंट साइन किया गया (Sudan Transitional Government). इसमें एक ऐसी सरकार बनाने पर सहमति बनी, जिसमें सेना, नागरिक प्रतिनिधि और विरोध प्रदर्शन करने वाले समूह शामिल हों. हालांकि देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमराई हुई है. इस सरकार पर आर्थिक और राजनीतिक सुधार करने का दबाव है.