कोरोना वायरस में जर्मनी में हवाई यात्रा पर रोक लगाने की मांग, फरवरी में पहुंचेगी वैक्सीन की 30 लाख खुराक
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों पर काबू पाने के लिए अब जर्मनी में हवाई यात्रा पर रोक लगाने की मांग उठने लगी है।
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों पर काबू पाने के लिए अब जर्मनी में हवाई यात्रा पर रोक लगाने की मांग उठने लगी है। इस मांग को उठाने वाले जर्मनी के ही सांसद हैं। इनका मानना है कि वायरस के अलग-अलग प्रकार सामने आने और इसके लगातार म्यूटेशन की वजह से हवाई यात्रा को रोकने पर विचार करना बेहद जरूरी हो गया है। सरकार को इस बारे में जल्द विचार कर कोई फैसला लेना चाहिए।
हालांकि जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ट्रेवल बैन करने के हक में नहीं है। इस बात की जानकी देश के गृहमंत्री होर्स्ट जेहोफर ने दी है। उनका कहना है कि चांसलर ट्रेवल बैन के हक में नहीं हैं। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि मर्केल ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से उन सभी उपायों पर गौर करने के लिए भी कहा है कि जिससे देश में कोरोना के बढ़ते मामलों पर काबू पाया जा सके। गौरतलब है कि यूरोपीय देशों में फैले कोरोना संक्रमण के मामले में जर्मनी छठे नंबर पर है। इससे ऊपर तुर्की, इटली, स्पेन, फ्रांस, ब्रिटेन का नाम है। आपको ये भी बता दें कि इजरायल ने कोरोना पर काबू पाने के लिए सभी तरह के एयर ट्रेवल पर बैन लगाया हुआ है। वहीं यूरोप के कुछ अन्य देशों ने भी इसी तरह के एहतियाती कदम अपने यहां पर उठाए हैं।
आपको यहां पर ये भी बता दें कि कोरोना वैक्सीन होने के बाद भी इसके बढ़ते मामलों ने देश की सरकार के तौर तरीकों पर प्रश्न चिंह लगाने का काम किया है। इसको लेकर पिछले दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक पोस्ट की भी सच्चाई अब सामने आ चुकी है। दरअसल, इस पोस्ट में कहा जा रहा था कि कोविड-19 वैक्सीन लगाने के बाद से जर्मनी में दस लोगों की मौत हो चुकी है। ये पोस्ट कई देशों में फेसबुक के तहत वायरल हो रहा था। इसमें ये भी कहा जा रहा था कि ये वैक्सीन खतरनाक है। इस पर जर्मनी के Paul Ehrlich Institute की प्रवक्ता ने एएफपी को बताया कि जर्मनी में दिसंबर 2020 से लेकर अब तक करीब 21 मौत हुई हैं। लेकिन इनमें से किसी भी मौत का संबंध या वजह कोविड-19 वैक्सीन नहीं थी। इस लिहाज से इस पोस्ट के जरिए लेागों को गुमराह करने का काम किया जा रहा था। उनके मुताबिक इन मौतों और वैक्सीन का आपस में कोई संबंध सामने नहीं आया है। उन्होंने एक ईमेल के माध्यम से एएफपी को इस बारे में जानकारी मुहैया करवाई है।