दुनिया की सबसे ऊंची चोटी तक पहुंचा कोरोना, पर्वतारोही की रिपोर्ट आई पॉजिटिव
377 परमिट जारी किए और अंतिम संख्या 2019 के मुकाबले 381 से अधिक होने की उम्मीद है.
कोरोनावायरस (Coronavirus) ने दुनिया के कई मुल्कों में एक बार फिर तबाही मचाई हुई है. शायद ही दुनिया का कोई ऐसा कोना बचा हो, जहां तक ये वायरस न पहुंचा हो. दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) तक भी कोरोनावायरस पहुंच गया है. नॉर्वे (Norway) का एक पर्वतारोही माउंट एवरेस्ट को फतह करने की इच्छा लिए इस पर चढ़ाई कर रहा था. लेकिन अब वह कोरोना संक्रमित हो गया है. चढ़ाई का सीजन होने के बाद भी अब कोरोना के चलते नेपाल (Nepal) की चिंताएं बढ़ गई हैं.
पिछले साल कोरोनावायरस महामारी के चलते पर्वतारोहण का सीजन पूरी तरह से बर्बाद हो गया था. लेकिन नेपाल ने ज्यादा संख्या में पर्वतारोहियों को आकर्षित करने के लिए क्वारंटीन नियमों में ढील दी है. जबकि नेपाल में संक्रमित होने के बाद लोगों को इलाज करवाने में खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. नॉर्वे के पर्वतारोही एर्लेंड नेस (Erlend Ness) ने एएफपी को एक फेसबुक मैसेज में बताया कि वह कोरोना संक्रमित हो गए हैं. फिलहाल उनकी स्थिति स्थिर है और अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है.
हेलिकॉप्टर से किया गया पर्वतारोही को रेस्क्यू
एर्लेंड नेस एवरेस्ट बेस कैंप (Everest base camp) पर मौजूद थे, तभी वह कोरोना संक्रमित हो गए. इसके बाद एक हेलिकॉप्टर के जरिए उन्हें वहां से सुरक्षित बाहर निकाला गया और काठमांडू (Kathmandu) के एक अस्पताल में ले जाया गया. नॉर्वे के ब्रॉडकॉस्टर एनआरके ने बताया कि नेस के दल में शामिल शेरपा भी कोरोना संक्रमित हो गया है. नेस ने एनआरके को बताया कि मैं चाहता हूं कि बाकी लोग संक्रमित न हों, जो पहाड़ की ऊंचाई पर मौजूद हैं. 8000 फीट की ऊंचाई पर मौजूद संक्रमित व्यक्ति को हेलिकॉप्टर के जरिए सुरक्षित बाहर निकालना बेहद कठिन है.
अभी तक 377 पर्वतारोहियों को दिया गया है एवरेस्ट पर चढ़ने का परमिट
नॉर्वे के इस पर्वतारोही ने बताया कि ऊंचाई पर सांस लेने में पहले से ही तकलीफ होती है, ऊपर से यहां महामारी फैलना सभी के लिए खतरा हो सकता है. काठमांडू के एक अस्पताल ने पुष्टि कर दी है कि इसने एवरेस्ट से लौटे एक व्यक्ति को भर्ती किया है. अस्पताल ने कहा कि ये व्यक्ति कोरोना संक्रमित है. वहीं, एशियन ट्रेकिंग के डावा स्टीवन शेरपा ने कहा कि बेस कैंप में हर कोई चिंतित है. नेपाल ने इस साल पहाड़ पर चढ़ने के लिए 377 परमिट जारी किए और अंतिम संख्या 2019 के मुकाबले 381 से अधिक होने की उम्मीद है.