पाकिस्तान में कहर बनकर टूटा कोरोना, प्रधानमंत्री इमरान खान ने सेना की तैनाती का दिया आदेश

भारत के बाद अब पाकिस्तान में कोरोना वायरस कहर बनकर टूट पड़ा है।

Update: 2021-04-24 09:14 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क:  इस्लामाबाद।  भारत के बाद अब पाकिस्तान में कोरोना वायरस कहर बनकर टूट पड़ा है। पिछले 24 घंटों में पाकिस्तान में 157 लोगों की संक्रमण से मौत हुई है। पाकिस्तान में संक्रमण से एक दिन में होने वाली मौत का यह आंकड़ा पिछले साल के बाद से सबसे ज्यादा है। पाकिस्तान में पिछले दिन संक्रमण के 5,908 नये मामले दर्ज किए गए। पाकिस्तान में कोरोना संक्रमण से अब तक 16999 लोगों की मौत हुई है जबकि कुल मामले 790016 हो गए हैं। वहीं, प्रधानमंत्री इमरान खान ने कोविड प्रोटोकॉल को लागू करने के लिए सेना की तैनाती की सिफारिश की है।

53 मरीजों ने वेंटीलेटर पर तोड़ा दम
पाकिस्तान के राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्रालय ने कहा कि 157 में से 53 मरीजों ने वेंटिलेटर पर रहते हुए दम तोड़ दिया। मंत्रालय ने बताया कि पाकिस्तान में कोरोना वायरस से पिछले 24 घंटों में 157 लोगों की मौत हो गई। यह पिछले साल 20 जून के बाद से सबसे ज्यादा है जब एक दिन में बीमारी के कारण 153 लोगों ने दम तोड़ दिया था।
इमरान खान ने सेना की तैनाती का आदेश दिया
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश में बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच पाकिस्तान सेना से कोविड प्रोटकॉल का पालन कराने में पुलिस प्रशासन का मदद करने की अपील की है। उन्होंने सेना से कहा है कि स्थानीय प्रशासन को जहां-जहां फोर्स की जरुरत हो, वहां पाकिस्तानी सेना की तैनाती की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर समय रहते हमने नियंत्रण नहीं पाया तो पाकिस्तान में भी भारत की तरह कोविड केस बढ़ सकते हैं।
भारत जैसी स्थिति हुई तो शहरों को बंद करना पड़ेगा
पाकिस्तान की राष्ट्रीय समन्वय समिति की एक बैठक के बाद अवाम को संबोधित करते इमरान खान ने कहा कि मैं आपसे एसओपी का पालन करने की अपील कर रहा हूं ताकि हमें ऐसे कदम उठाने की जरूरत न पड़े जो भारत ले रहा है, जिसका मतलब है कि लॉकडाउन लागू करना। अगर आप फेस मास्क पहने तो इससे ही आधी समस्या का हल हो जाएगा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हमारी परिस्थितियां भारत के समान हो जाती हैं, तो हमें शहरों को बंद करना होगा।
लॉकडाउन से गरीबों को होगा सबसे ज्यादा नुकसान
इमरान खान ने कहा कि लॉकडाउन करने से गरीबों को सबसे ज्यादा नुकसान होता है। लोग आज मुझे लॉकडाउन लागू करने के लिए कह रहे हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं फिर से दोहरा रहा हूं कि इस लॉकडाउन से सबसे ज्यादा दिहाड़ी कामगार और मजदूर प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एकमात्र देश था जिसने पिछले साल रमजान के दौरान मस्जिदें खुली रखी थीं। जिस तरह से हमारे धार्मिक विद्वानों और इमामों ने एहतियाती उपायों के बारे में लोगों को सूचित किया, उस पर मुझे गर्व था।


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