ब्रिटिश विश्वविद्यालयों और बीएचयू के बीच सहयोग संभावनाएं : ब्रिटिश मंत्री

Update: 2023-08-25 14:21 GMT
 
नई दिल्ली (आईएएनएस)। ब्रिटेन के कला विरासत तथा संस्कृति व खेल मंत्री लॉर्ड पार्किन्सन ने शुक्रवार को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय तथा ब्रिटिश शैक्षणिक संस्थानों के बीच सहयोग की बात कही।
भारत दौरे के दौरान उन्होंने कहा कि सहयोग को लेकर अनेक ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें अपार संभावनाएं हैं। लॉर्ड पार्किन्सन जी20 शिखर सम्मेलन की एक बैठक में हिस्सा लेने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत में हैं।
शुक्रवार को उन्होंने बीएचयू के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन के साथ एक बैठक भी की। उन्होंने कहा, “भारत और ब्रिटेन विभिन्न क्षेत्रों में लंबे समय से साझेदारी कर रहे हैं। बीएचयू के साथ सहयोग बढ़ाकर मैं इस साझेदारी को और आगे ले जाने के प्रति आशान्वित हूं। इस महान विश्वविद्यालय में आना एक सुखद अनुभव है।“
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की विशेषताओं, विशेषज्ञता तथा समृद्ध विरासत को रेखांकित करते हुए ब्रिटिश मंत्री ने कहा कि ब्रिटेन में कई ऐसे प्रतिष्ठित व उत्कृष्ट संस्थान है, जो अंतरराष्ट्रीय संस्थानों को सहयोग व साझेदारी के शानदार अवसर उपलब्ध करा सकते हैं।
उन्होंने आने वाले कुछ हफ्तों में भारत में आयोजित होने वाली ब्रिटिश व भारतीय कुलपतियों की बैठक में शामिल होने के लिए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को भी आमंत्रित किया।
बैठक में ब्रिटिश काउंसिल, भारत के शीर्ष पदाधिकारी तथा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। दोनों पक्षों ने रंगमंच, कला, डिज़ाइन, संगीत व नृत्य, प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति, नेतृत्व क्षमता कार्यक्रम समेत अनेक ऐसे विषयों पर विचारों का आदान-प्रदान किया, जिनमें सहयोग के अवसर हैं।
बीएचयू आगमन पर प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में विविध व अनेक क्षेत्रों में अध्ययन व अनुसंधान होता है। उन्होंने कहा कि मंच एवं कला, दर्शन, संस्कृति, विरासत, पुरातत्व एवं प्राकृतिक चिकित्सा ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें बीएचयू की विशेषज्ञता अतुलनीय है, ऐसे में इस संस्थान में शोध व अध्ययन की अपार संभावनाएं हैं।
कुलपति ने सुझाव दिया कि ब्रिटिश काउंसिल की ओर से ऐसे नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम तैयार किये जा सकते हैं, जिनसे विश्वविद्यालय के सदस्य प्रशिक्षित व लाभान्वित हों।
उन्होंने कहा रंगमंच एक ऐसा महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जिसमें सहयोग की संभावनाएं बन सकती हैं। ब्रिटिश काउंसिल में इंडिया ऑपरेशन्स की निदेशक ऐलिसन बैरट एमबीई ने भारतीय शिक्षा नीति 2020 की सराहना करते हुए कहा कि यह नीति भारतीय तथा विदेशी शिक्षण संस्थानों के मध्य संवाद व सहयोग को सरल बनाती है। अब इस बारे में समझौते करना तथा एक-दूसरे का साथ मिलकर काम करना आसान हो गया है।
ब्रिटिश काउंसिल भारत में निदेशक, कला, जॉनाथन केनेडी ने बताया कि ब्रिटेन में अनेक ऐसे संस्थान व संस्थाएं हैं, जो कला के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश संस्थान कला प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में पाठ्यक्रम चलाते हैं, जिसमें बेहतर अवसर भी उपलब्ध हैं।
उन्होंने सुझाव दिया कि इस क्षेत्र में भारतीय व ब्रिटिश संस्थान मिलकर काम कर सकते हैं।
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