विदेश मंत्रियों की बैठक को लेकर असमंजस, अफगानिस्तान का कौन करेगा प्रतिनिधित्व

अफगानिस्तान की बदली परिस्थिति के बीच इस साल सार्क देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक को लेकर असमंजस बरकरार है।

Update: 2021-09-20 02:33 GMT

अफगानिस्तान की बदली परिस्थिति के बीच इस साल सार्क देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक को लेकर असमंजस बरकरार है। इस साल इस बैठक पर सबकी नजरें टिकी होंगी कि अफगानिस्तान का प्रतिनिधित्व कौन करता है। बताया जा रहा है कि सार्क की बैठक की रूपरेखा अभी तैयार की जा रही है। इस बार नेपाल में इसका आयोजन होने की संभावना है।

तालिबान के शीर्ष मंत्री संयुक्त राष्ट्र की काली सूची में हैं और वो हिस्सा नहीं ले सकते
उल्लेखनीय है कि काबुल में नई सरकार को अब तक दुनिया से मान्यता नहीं मिली है, जबकि वहां के शीर्ष कैबिनेट मंत्री संयुक्त राष्ट्र द्वारा काली सूची में हैं। ऐसे में सभी की उत्सुकता है कि सार्क देशों के सबसे युवा सदस्य अफगानिस्तान का प्रतिनिधित्व कौन करेगा।
दरअसल तालिबान की अगुवाई वाली सरकार में कार्यवाहक विदेशमंत्री हैं आमिर खान मुत्ताकी और संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त किसी बैठक में उनके शामिल होने की संभावना नहीं है। यहां तक कि शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कह चुके हैं कि अफगानिस्तान की नई सरकार समावेशी नहीं है। पीएम मोदी ने विश्व बिरादरी को आगाह किया था कि अफगानिस्तान की नई सरकार को स्वीकार करने या मान्यता देने से पहले विश्व स्तर पर इस पर व्यापक बहस होनी चाहिए।

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