प्रतिस्पर्धा नियामक ने कहा - कंपनियों ने बाजार में मजबूत स्थिति के चलते कसा शिकंजा
हम ब्रिटेन के लाखों-करोड़ों ग्राहकों को लेकर चिंतित हैं।- एंड्रिया कोसेली, मुख्य कार्यकारी, सीएमए
ब्रिटेन के प्रतिस्पर्धा नियामक ने मंगलवार को कहा है कि लोग मोबाइल फोन का इस्तेमाल किस तरह करें, इस पर एपल और गूगल ने कड़ा शिकंजा कस लिया है। दोनों कंपनियों ने बाजार में अपनी मजबूत स्थिति के चलते न सिर्फ यूजर्स को सार्थक विकल्प से दूर कर दिया है बल्कि वे कीमतें भी बढ़ा रही हैं।
प्रतिस्पर्धा व बाजार प्राधिकरण (सीएमए) के मुताबिक, ये दोनों टेक समूह बड़े पैमाने पर स्व-निहित इकोसिस्टम बनाने के लिए अपनी बाजार शक्ति का लाभ उठाने में सक्षम हैं। जब भी कोई यूजर मोबाइल फोन खरीदता है तो उसके पास एपल के आईओएस या गूगल के एंड्रॉयड इकोसिस्टम का ही विकल्प होता है। नतीजतन, यूजर को मिलने वाली एप और वेबसाइट जैसी ऑनलाइन सामग्रियां दोनों कंपनियां नियंत्रित करती हैं। सिर्फ इन्हीं की सेवाओं की ओर झुकाव लोगों की मजबूरी बन गया है। नियामक ने चिंता जताई है कि मौजूदा स्थिति के चलते बाजार में प्रतिस्पर्धा बहुत कम हो गई है और ग्राहकों के पास सार्थक विकल्प नहीं बचे हैं। ऐसे में लोग नए उत्पादों और नई सेवाओं के लाभ से भी वंचित हो रहे हैं।
निष्कर्षों पर परामर्श करेगा प्रतिस्पर्धा नियामक
नियामक का कहना है कि वह एपल और गूगल पर मिले शुरुआती निष्कर्षों पर परामर्श करेगा और उसने सात फरवरी 2022 तक प्रतिक्रियाएं मांगी हैं। साथ ही जून में अंतिम रिपोर्ट जारी करने की उम्मीद भी जताई है। उधर, एपल का कहना है कि उसका इकोसिस्टम ग्राहकों को सुरक्षा और निजता प्रदान करता है। वह अपने उत्पादों को बेचकर नौकरियां पैदा कर रही है। साथ ही कंपनी बाजार में नवाचारों के बढ़ने की हिमायती है। हालांकि, गूगल ने सीएमए के बयान पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
एपल और गूगल ने लोगों के मोबाइल इस्तेमाल पर कड़ा शिकंजा कस लिया है। हम ब्रिटेन के लाखों-करोड़ों ग्राहकों को लेकर चिंतित हैं।- एंड्रिया कोसेली, मुख्य कार्यकारी, सीएमए