इस्लामाबादः पाकिस्तान-चीन की दोस्ती इन दिनों आतंकी साए की चपेट में है। चीन के उपप्रधानमंत्री हे लिफेंग कई अरब डॉलर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना के 10 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रविवार को यहां पहुंचे। लेकिन आतंकी हमले के बीच पाक में चीनी उप-प्रधानमंत्री का स्वागत हुआ। इधर, चीन के उपप्रधानमंत्री हे लिफेंग पाकिस्तान पहुंचे और उधर खैबर पख्तूनख्वा राज्य के बाजौर में आतंकी हमले में 44 लोगों की मौत हो गई। हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है। इसके बावजूद इस्लामाबाद की सरकारी इमारतों को रोशनी जगमगाया गया है। सड़कों पर चीन और पाकिस्तान के झंडे लगाए गए हैं।
बता दें कि 2013 में चीन और पाकिस्तान ने दोनों देशों के बीच बिजनेस बढ़ाने के लिए चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर यानी CPEC की शुरुआत की थी। ये कॉरिडोर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट बेल्ट एंड रोड इनीशिटिव (BRI) के तहत शुरू किया गया था। इस साल CPEC और BRI के दस साल पूरे हो चुके हैं। चीन और पाकिस्तान का CPEC प्रोजेक्ट PoK से होकर गुजरता है।इसके चलते भारत ने इस पर कड़ी आपत्ति जाहिर की थी। इन प्रोजेक्ट्स की दसवीं सालगिरहा मनाने के लिए रविवार को एक तरफ जहां चीन के वाइस प्रीमियर यानी उप प्रधानमंत्री ही लिफेंग इस्लामाबाद पहुंचे।
लिफेंग चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के पोलित ब्यूरो के सदस्य हैं। वह 30 जुलाई से एक अगस्त तक अपनी यात्रा के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के साथ बैठक करेंगे। ‘एआरवाई न्यूज' की खबर के अनुसार लिफेंग के यहां पहुंचने पर आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह और योजना मंत्री अहसान इकबाल ने उनका स्वागत किया। इससे पहले शनिवार को विदेश कार्यालय (एफओ) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया था कि चीनी उपप्रधानमंत्री, ने चीन के अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संबंधों और ‘बेल्ट एंड रोड' पहल के कार्यान्वयन में ‘‘प्रमुख भूमिका'' निभाई है।
बयान के अनुसार राष्ट्रीय विकास और सुधार आयोग के अध्यक्ष के रूप में, लिफेंग ने पाकिस्तान में कई सीपीईसी परियोजनाओं की योजना और कार्यान्वयन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने कहा कि उनकी यात्रा से पाकिस्तान और चीन के बीच संबंध और मजबूत होंगे और यह इसकी पुष्टि करता है कि दोनों देश महत्वपूर्ण मुद्दों पर एक-दूसरे का समर्थन करते हैं।
इटली के रक्षा मंत्री का एक बयान काफी चर्चा में है। इसमें वो कहते हैं- चार साल पहले चीन के बेल्ट एंड रोड परियोजना (BRI) में शामिल होना जल्दबाजी में लिया गया और तबाह करने वाला फैसला था।रविवार को इटली के रक्षा मंत्री गोइदो क्रोसेटो ने ये बात एक इंटरव्यू के दौरान कही है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से देश के निर्यात को उम्मीद के मुताबिक बढ़ावा नहीं मिला।गोइदो क्रोसेटो ने 'कोरियरे डेला सेरा' नाम के इटालियन अखबार से कहा- नए सिल्क रोड में शामिल होने का फ़ैसला जल्दबाजी में लिया गया और तबाह करने वाला कदम था। जिसकी वजह से चीन का निर्यात इटली में कई गुना बढ़ा, लेकिन चीन में इटली के निर्यात पर इससे उतना असर नहीं पड़ा।