तिब्बत की ठंड बर्दाश्त नहीं कर पाए चीनी सैनिक, ड्रैगन ने तैनात की मशीनगन से लैस किलर रोबोट सेना
चीनी सेना की यही कमांड भारत के लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक फैले लाइन ऑफ कंट्रोल (LaC) पर तैनात हैं।
लद्दाख में भारत को आंखें दिखाना चीनी ड्रैगन को बड़ा भारी पड़ रहा है। पीएलए के हजारों सैनिक अक्साई चिन की जमा देने वाली ठंड और कम ऑक्सीजन का मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं। इस बर्फीले माहौल में कई चीनी सैनिकों की मौत हो गई है और उसे इस इलाके में तीन बार अपने कमांडर को भी बदलना पड़ा है। चीनी सैनिक जब फेल हो रहे हैं, ड्रैगन ने भारतीय सैनिकों का मुकाबला करने के लिए अपनी किलर रोबोट सेना को तैनात किया है। यह रोबोट मशीनगन से लैस हैं और तिब्बत के ऊंचाई वाले इलाकों में गश्त कर रहे हैं।
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक चीन ने दर्जनों की संख्या में हथियार और सप्लाइ से लैस मानवरहित वाहन तिब्बत में भेजे हैं। इनमें से ज्यादातर को भारत से लगती एलएसी पर तैनात किया गया है। इसी इलाके में भारत और चीन के 50-50 हजार सैनिक आमने-सामने तैनात हैं। इन मानवरहित वाहनों में शार्प क्ला शामिल है जिसके ऊपर एक हल्की मशीनगन लगी हुई है। यह दूर से ही संचालित की जा सकती है। इसके अलावा मुले-200 को तैनात किया गया है जो मानवरहित सप्लाइ वाहन है लेकिन इसमें भी हथियार को लगाया जा सकता है।
चीन ने 150 लिंक्स वाहनों को सीमा पर भेजा
टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने 88 शार्प क्ला रोबोट को तिब्बत भेजा है। इसमें से 38 को सीमा पर तैनात किया गया है। इसके अलावा 120 मुले- 200 वाहन को भेजा गया है। इसके अलावा चीन ने 70 वीपी-22 हथियारबंद वाहनों को भी तिब्बत भेजा है जिसमें से 47 को सीमाई इलाके में तैनात किया गया है। इसी तरह से चीन ने 150 लिंक्स वाहनों को सीमा पर भेजा है जो खतरनाक और खराब रास्तों पर भी चल सकते हैं। इसमें तोपें, हैवी मशीन गन, मोर्टार और मिसाइल लॉन्चर को भी लगाया जा सकता है।machinegun carrying robots
भारतीय सीमा पर चीन ने तैनात की रोबोट सेना
चीन ने अपने सैनिकों को ऐसे उपकरण दिए हैं जिससे वे ज्यादा वजन उठाकर चल सकते हैं। बता दें कि पूर्वी लद्दाख में भारतीय जमीन पर कब्जा करने की हसरत रखने वाले चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को उनका यह सपना बहुत भारी पड़ रहा है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर करीब 50 हजार सैनिक तैनात कर रखे हैं। लद्दाख की भीषण ठंड और कम ऑक्सीजन अब चीनी सैनिकों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। वे पेट से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे हैं। इसी बीमारी की चपेट में आने से चीनी सेना के सबसे बड़े पश्चिमी थिएटर कमांड के कमांडर रहे झांग जुडोंग की मौत हो गई है। वह मात्र 6 महीने ही लद्दाख की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों को झेल पाए।
तीन बार चीन को अपने कमांडर को बदलना पड़ा
चीन के चर्चित अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि अभी कुछ महीने पहले ही पीएलए कमांडर झांग ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। अखबार ने कहा कि झांग जुडोंग को पेट के साथ कैंसर की बीमारी से भी जूझना पड़ रहा था। आलम यह है कि तीन बार चीन को अपने वेस्टर्न थिएटर कमांड के कमांडर को बदलना पड़ा है। चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की वेस्टर्न कमांड का मुख्यालय तिब्बत में स्थित है। चीनी सेना की यही कमांड भारत के लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक फैले लाइन ऑफ कंट्रोल (LaC) पर तैनात हैं।