बाइडन को चीन सरकार के सलाहकार ने बताया कमजोर राष्ट्रपति, कहा- शुरू कर सकते हैं युद्ध

चीन सरकार के सलाहकार ने कहा है कि चीन को ऐसे भ्रम में नहीं रहना चाहिए

Update: 2020-11-23 15:12 GMT

बाइडन को चीन सरकार के सलाहकार ने बताया कमजोर राष्ट्रपति, कहा- शुरू कर सकते हैं युद्ध

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |  चीन सरकार के सलाहकार ने कहा है कि चीन को ऐसे भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि अगले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन में अमेरिका के साथ उसके संबंध अपने आप बेहतर होने लगेंगे। उनका कहना है कि बीजिंग को वाशिंगटन के कड़े रुख के लिए तैयार रहना चाहिए। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार इंस्टीट्यूट ऑफ ग्लोबल एंड कंटेंपरेरी चाइना स्टडी के डीन झेंग योंगनियान ने कहा है कि चीन सरकार को अमेरिका के साथ संबंध सुधारने के लिए हर अवसर का सदुपयोग करना चाहिए।

बता दें कि झेंग योंगनियान ने हाल ही में चीन के गुआंगझोउ में आयोजित अंडरस्टैंडिंग चाइना कॉन्फ्रेंस से इतर कहा था, 'अच्छे-पुराने दिन अब जा चुके हैं... अमेरिका में शीत युद्ध के 'गिद्ध' कई सालों से बहुत संगठित हुए हैं, और इस तरह की स्थिति एक रात में समाप्त होने वाली नहीं है।' झेंग, इस साल अगस्त में राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ओर से आयोजित एक सिम्पोजियम में चीन की दूरगामी रणनीति पर सलाह देने के लिए शामिल हुए थे। यहां उन्होंने कहा था कि चीन को लेकर अमेरिका में अब द्विदलीय सहमति बन गई है।

झेंग ने कहा कि अमेरिका के अगले राष्ट्रपति जो बाइडन व्हाइट हाउस में प्रवेश करने के बाद चीन को लेकर जनता में व्याप्त नाराजगी का फायदा उठा सकते हैं। उन्होंने कहा, 'अमेरिकी समाज पूरी तरह से छिन्न-भिन्न हो चुका है। मुझे नहीं लगता कि बाइडन इसे लेकर कुछ कर सकते हैं।' झेंग ने बाइडन द्वारा युद्ध शुरू किए जाने की आशंका जताते हुए कहा, 'वह निश्चित तौर पर एक कमजोर राष्ट्रपति हैं, अगर वह घरेलू मुद्दों को नहीं सुलझा सकते हैं, तो वह चीन के खिलाफ कदम उठाने के लिए राजनयिक मोर्चे पर कुछ करेंगे।'

उन्होंने कहा, 'अगर हम कहते हैं कि डोनाल्ड ट्रंप लोकतंत्र और आजादी को प्रोत्साहित करने में रुचि नहीं रखते हैं, बिडेन रखते हैं। ट्रंप युद्ध में रुचि नहीं रखते हैं... लेकिन एक डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति युद्धों की शुरुआत कर सकता है।' उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासनकाल में अमेरिका और चीन के संबंधों के बीच कई मुद्दों को लेकर खटास आई है। इसमें कोविड-19 वैश्विक महामारी, व्यापार और मानवाधिकार जैसे मुद्दे शामिल हैं। ट्रंप प्रशासन कई मामलों पर चीन की नीतियों पर भी सवाल उठाता आया है। 

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