इसराइल और ईरान पर चीनी साइबर हमला, हैकर्स ने सरकारी कंपनियों का डेटा चुराया

UAE और कजाकिस्तान पर भी साइबर अटैक कर चुका है.

Update: 2021-08-12 04:58 GMT

मिडिल ईस्ट (Middle East) में अपना दबदबा बनाने की कोशिश में चीन के हैकर्स ने इजराइल में बड़े स्तर पर साइबर अटैक (Cyber Attack)किया है. चीन के साइबर ग्रुप UNC215 ने इजराइल के सरकारी संस्थाओं, आईटी कंपनियों के अलावा टेलीकॉम सेक्टर से जुड़ी कंपियों को निशाना बनाया है.

अमेरिका के कैलिफोर्निया की साइबर सिक्योरिटी कंपनी फर्स्ट आई ने हमले के पीछे चीन के हैकर्स होने का खुलासा किया है. कंपनी ने बताया कि हैकर्स ने इन कंपनियों का फाइनेंस, टेक्नोलॉजी और बिजनेस से जुड़ा डेटा चोरी कर लिया है. इसमें यूजर्स का डेटा भी शामिल है.
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अमेरिका के कैलिफोर्निया की साइबर सिक्योरिटी कंपनी फर्स्ट आई के मुताबिक, UNC215 ने हैकिंग के लिए FOCUSFJORD और HYPERBRO नाम के मैलवेयर का इस्तेमाल किया. चीन ने इस साइबर हमले की जिम्मेदारी ईरान पर थोपने की कोशिश भी की है. हैकर्स को पता था कि इजराइल हमले की जांच करेगा. इसलिए उन्होंने ऐसे सबूत छोड़े, जिससे हमले का शक ईरान पर जाए. हैकर्स ने ऐसे टूल्स यूज किए जिनका उफयोग आमतौर पर ईरान के हैकर करते हैं. उन्होंने आपस में फारसी में बात की.
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2014 से साइबर अटैक कर रहा UNC215
UNC215 ग्रुप 2014 से मिडिल ईस्ट, यूरोप, एशिया और अमेरिका में साइबर अटैक कर रहा है. हैकर्स का यह ग्रुप गवर्मेंट, टेक्नोलॉजी, टेलीकॉम, डिफेंस, फाइनेंस और हेल्थ केयर सेक्टर को निशाना बनाता है. इससे पहले यह हैकर ग्रुप ईरान, UAE और कजाकिस्तान पर भी साइबर अटैक कर चुका है.




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