एल्गोरिदम पर शिकंजा कसेगी चीनी प्रशासन, चीन के इंटरनेट निगरानीकर्ता ने जारी किया मसौदा प्रस्ताव

चीन के इंटरनेट निगरानीकर्ता ने जारी किया मसौदा प्रस्ताव

Update: 2021-08-27 15:42 GMT

China Issues Draft Guidelines For Algorithms: चीन के इंटरनेट नियामक देश की प्रौद्योगिकी कंपनियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एल्गोरिदम (कलन विधि) को नियंत्रित करेंगे. इंटरनेट के क्षेत्र में यह नवीनतम पहल है. इस विधि से कंपनियां विषय वस्तु को ज्यादा व्यक्तिगत बनाती हैं और ग्राहकों को उसकी अनुशंसा करती हैं (Internet Internet Monitor). चीन के इंटरनेट निगरानीकर्ता 'साइबरस्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ चाइना' ने शुक्रवार को एक मसौदा प्रस्ताव भी जारी किया है.

इसका उद्देश्य प्रौद्योगिकी कंपनियों द्वारा उपभोक्ताओं को मुहैया कराई जाने वाली सेवाओं का प्रबंधन करना है. चीन में इंटरनेट क्षेत्र पर कार्रवाइयों के तहत ऐसा किया गया है क्योंकि नियामक डाटा निजता (Data Privacy) और उपभोक्ता अधिकारों को मजबूत करना चाहते हैं. मसौदा विनियमन के तहत कंपनियों को एल्गोरिदम आधारित सेवाओं की अनुशंसा के मूल सिद्धांतों, उद्देश्यों और संचालन व्यवस्था को बताना होगा.
26 सितंबर तक फीडबैक मांगा गया
नियमों के मुताबिक, अब कंपनियां ऐसे एल्गोरिदम मॉडल (Algorithm Model in China) नहीं बना सकतीं, जो उपयोगकर्ताओं को ढेर सारा पैसा खर्च करने के लिए उकसाएं. एल्गोरिदम का इस्तेमाल नकली अकाउंट बनाने के लिए भी नहीं किया जा सकता है. इसके साथ ही कंपनियों से कहा गया है कि उन्हें उपयोगकर्ताओं को ऐसा विकल्प भी देना होगा, जिससे वह एल्गोरिदम का सुझाव देने वाले फीचर को आसानी से बंद कर पाएं. इन दिशा-निर्देशों के मसौदा प्रस्ताव पर 26 सितंबर तक फीडबैक मांगा गया है.
कपंनियों पर कार्रवाई कर रहा चीन
चीन ने ये कदम ऐसे समय में उठाया है, जब वह इंटरनेट कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई कर रहा है. सरकार एकाधिकार से जुड़े मु्द्दों और उपयोगकर्ताओं की निजता को महत्वपूर्ण मानते हुए कंपनियों को निशाने पर ले रही है (China Internet Companies). चीनी उपभोक्ता एसोसिएशन ने कुछ महीने पहले इंटरनेट कंपनियों की इसलिए भी आलोचना की थी क्योंकि वो लोगों की निजी जानकारी का दुरुपयोग कर उन्हें जबरन खरीदारी के लिए मजबूर कर रही थीं. जिसके बाद से इस तरह के एल्गोरिदम की कई बार मांग की गई है. हाल ही चीन ने डाटा सुरक्षा से जुड़ा एक कानून भी पास किया था, जो सितंबर से लागू होगा. इसका उद्देश्य इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों के अधिकारों की सुरक्षा करना है.
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