चीन के लूनर लैंडर चांग ई 5 को चंद्रमा की सतह पर मिट्टी और चट्टान में मिला पानी, जानें क्यों सबसे अलग है ये खोज
अध्ययन के अनुसार, ये नतीजे चांग ई-5 नमूनों के प्रारंभिक विश्लेषण के अनुरूप हैं.
चीन (China) के चांग ई-5 लूनर लैंडर (Chang'e 5 lunar lander) को चंद्रमा (Moon) की सतह पर पानी होने का मौके पर साक्ष्य मिला है. इससे चंद्रमा के सूखेपन के संबंध में नयी जानकारी मिलती है. हालांकि, पहले भी चंद्रमा पर पानी की मौजूदगी की बात कही गई है. लेकिन पानी की मौजूदगी उसके ध्रुवों पर देखी गई थी.
विज्ञान पत्रिका 'साइंस एडवांसेज' में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि चंद्रमा पर लूनर लैंडर के उतरने के स्थान पर मिट्टी में पानी की मात्रा 120 ग्राम प्रति टन से कम है और वह स्थान पृथ्वी की तुलना में बहुत अधिक शुष्क है. रिमोट ऑब्जर्वेशन में पहले भी पानी की मौजूदगी की पुष्टि हुई थी, लेकिन लैंडर ने अब चट्टानों और मिट्टी में पानी के लक्षण का पता लगाया है.
लैंडर में लगाए गए एक विशेष उपकरण ने चट्टानों और सतह की जांच की तथा पहली बार मौके पर ही पानी का पता लगाया. सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने चीनी विज्ञान अकादमी (CAS) के रिसर्चर्स के हवाले से बताया कि पानी की मात्रा का अनुमान लगाया जा सकता है क्योंकि पानी के अणु करीब तीन माइक्रोमीटर की आवृत्ति पर अवशोषित होते हैं.
लैंडर में लगाए गए एक विशेष उपकरण ने चट्टानों और सतह की जांच की तथा पहली बार मौके पर ही पानी का पता लगाया. सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने चीनी विज्ञान अकादमी (CAS) के रिसर्चर्स के हवाले से बताया कि पानी की मात्रा का अनुमान लगाया जा सकता है क्योंकि पानी के अणु करीब तीन माइक्रोमीटर की आवृत्ति पर अवशोषित होते हैं.
चीन का चांग ई-5 स्पेसक्राफ्ट चंद्रमा के मध्य-उच्च अक्षांक्ष पर मौजूद सबसे कम उम्र वाले ज्वालामुखीय क्रेटर के पास लैंड हुआ था. इसने मौके पर ही पानी के नमूने इकट्ठा किए. लैंडर ने पानी का पता लगाने के लिए 1,731 ग्राम वजन के नमूने लिए थे.
CAS के तहत इंस्टीट्यूट ऑफ जियोलॉजी एंड जियोफिजिक्स के रिसर्चर लिन होंगलेई ने शिन्हुआ को बताया, लौटाए गए नमूने सतह और उसके नीचे मौजूद दोनों जगहों की मिट्टी है. अध्ययन के अनुसार, ये नतीजे चांग ई-5 नमूनों के प्रारंभिक विश्लेषण के अनुरूप हैं.