चीन की हर चाल फेल, ताइवान की 'बंकर बख्त' रणनीति के आगे बेबस ड्रैगन

Update: 2022-08-23 18:36 GMT
ताइवान के पूर्वी छोर का यह शांत समंदर पूर्वी चीन सागर है. समंदर की लहरों को देखकर इस बात का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता कि इन पर जंग का बारूद लिए कितने जहाज तैर रहे हैं. साथ ही इस बात का अनुमान लगाना भी मुश्किल है कि ताइवान के इस हुआलिन शहर के किनारे पर युद्ध की कैसी तैयारी चल रही है. मगर कुछ ही देर में तस्वीर साफ हो जाती है जब समुद्र की लहरों की आवाज को तोड़ते हुए लड़ाकू विमान का जेट इंजन गरजने लगता है. चंद सेकंड में हुआलीन शहर आसमान गरजते लड़ाकू विमानों की आवाज से थर्रा उठता है.
एक के बाद एक F16 V यानी वाइपर लड़ाकू विमान आसमान में उड़ान भर जाते हैं. जाहिर है कि ताइवान के एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन के करीब किसी चीनी विमान की हरकत दर्ज की गई है. या फिर चीन के किसी लड़ाकू जहाज ने मीडियन लाइन लांघी है, जिसकी खबर हुआलीन में मौजू चाईशान एयरबेस पर पहुंची है और आनन फानन में इस बेस ने अपने इन लड़ाकू विमानों को कॉम्बेट एयर पेट्रोल के लिए रवाना कर दिया है. जाहिर है.. ताइवान अपनी हदों के करीब किसी भी हरकत को हल्के में नहीं लेने का जोखिम उठा नहीं सकता है. दिन हो या रात ताइवान की हदों की हिफाजत के लिए लड़ाकू विमानों की गश्त का सिलसिला चलता रहता है. वो भी एंटी शिप AGM84 हार्पून मिसाइल, हवा से हवा में मार करने वाली घातक AIM120 AMRAAM मिसाइल और AIM9 साइडविंडर मिसाइल जैसे घातक अस्त्र शामिल है. भले ही हदों को लांघना चीन का रोजमर्रा रूटीन ही क्यों न हो.
70 सालों में ताइवान को हथिया नहीं सका है चीन
धरती के नक्शे पर महज 36 हजार वर्ग किलोमीटर का एक द्वीप है ताइवान... मगर यह द्वीप दुनिया के सबसे सुरक्षित द्वीपों में से एक भी माना जाता है. इसलिए नहीं क्योंकि, इसके पास एशिया में सबसे बड़ा F16 लड़ाकू विमानों का बेड़ा है. बल्कि इसलिए कि उसने चीन के खतरे से मुकाबले के लिए अपने बचाव के इंतजाम और पलटवार के हथियार भी जमा किए हैं. तभी तो बीते 70 सालों में चीन अपने आकार से कई गुना छोटे इस द्वीप को हथियार के दम पर हथिया नहीं पाया है. लेकिन इसको समझने के लिए आपको ताइवान की टोपोग्राफी समझनी होगी. यानी यह समझना जरूरी होगा कि 70 फीसद पहाड़ी जमीन वाले इस द्वीप ने कैसे इन पहाड़ों को अपना किला बनाया है. यह जानना जरूरी होगा कि ताइपे शहर की इन रौनकनभरी सड़कों के नीचे भी सुरंगों का पूरा जाल बिझा है.
पहाड़ों को काटकर बनाए गए हैं विमानों के बंकर
हुआलिनन में समंदर किनारे बनी पहाड़ियों को देखकर इस बात का अंदाजा लगाना मुश्किल है कि ग्रेनाइट के इन पहाड़ों को काटकर ताइवान ने इनके नीचे न केवल अपने विमानों के लिए बंकर बना रखे हैं. बल्कि चाइशान में इन पहाड़ों के नीचे एक पूरा फौजी शहर बसाया गया है. जहां न केवल विमानों का रखरखाव और उनमें लगाए जाने वाले घातक हथियारों को रखने की जगह है. बल्कि 200 F16 लड़ाकू विमानों का घर भी इन पहाड़ों को काटकर बनाए गए भूमिगत हेंगर्स में है. इनके नीचे कमांड-कंट्रोल सेंटर के साथ ही महीनों तक सैन्य अभियान को चलाए रखने की तैयारी और अस्पताल समेत कई सुविधाओं की व्यवस्था भी की गई है. इस एयर बेस और कमांड सेंटर को 30 साल पहले अमेरिका और ताइवान के इंजीनियरों ने मिलकर बनाया था.


न्यूज़ क्रेडिट ; abp NEWS 

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