चीन का पाकिस्तानी सेना के साथ जागा प्रेम, PLA ने पाक सेना को दी कोरोना वैक्सीन की खेप
भारत को चारों तरफ से घेरे रखने के लिए चीन लगातार अपनी चाल चल रहा है।
भारत को चारों तरफ से घेरे रखने के लिए चीन लगातार अपनी चाल चल रहा है। म्यांमार में तख्तापलट के बाद नेपाल को कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराने की कूटनीति के बीच अब चीन ने रविवार को अपनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जरिये अपने सहयोगी पाकिस्तान की सेना को भी कोरोना वैक्सीन की एक खेप उपलब्ध करा दी।
पांच लाख खुराक पहले ही इस्लामाबाद को उपलब्ध करा चुका है बीजिंग
विशेषज्ञ इसे पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत के साथ सैन्य टकराव की मुद्रा में खड़े चीन की तरफ से भारतीय सेना के सामने पाकिस्तानी सेना का दूसरा मोर्चा तैयार रखने की कवायद का हिस्सा मान रहे हैं। पीएलए की तरफ से पाकिस्तानी सेना को कोरोना वैक्सीन देने का कदम बीजिंग से इस्लामाबाद को 500,000 कोरोना वैक्सीन दिए जाने के कुछ दिन बाद उठाया गया है। पाकिस्तान को अपने यहां टीकाकरण अभियान शुरू करने के लिए 5 लाख वैक्सीन की यह खेप सोमवार को दी गई थी।
पीएलए ने रविवार को कहा कि चीनी सेना से कोविड-19 वैक्सीन की सहायता हासिल करने वाली पाकिस्तानी सेना पहली विदेशी मिलिट्री बन गई है। हालांकि पीएलए ने पाकिस्तानी सेना को दी गई कोरोना वैक्सीन की संख्या का खुलासा नहीं किया है। चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, पीएलए ने पाकिस्तान के अलावा कंबोडियाई सेना को भी कोरोना वैक्सीन की एक खेप उपलब्ध कराई है।
चीन में जनता की आवाज उठाने वाला एक और कार्यकर्ता गायब
चीन में सरकार के खिलाफ जनता के पक्ष में आवाज उठाने पर गायब हो जाने वाले लोगों की सूची में गुओ फेजियांग का नाम भी जुड़ गया है। कानूनी अधिकार कार्यकर्ता गुओ को पिछले सप्ताह बृहस्पतिवार को शंघाई के पुडांग एयरपोर्ट पहुंचने के बाद सरकारी अधिकारियों ने विमान में सवार होने से रोक दिया था। इसके बाद से ही गुओ लापता चल रहे हैं।
गुओ की बहन यांग माओपिंग के मुताबिक, मेरा भाई अपने परिवार के पास अमेरिका जाने के लिए एयरपोर्ट पहुंचा था, लेकिन पूछताछ के नाम पर विमान में सवार होने से रोकने के बाद से उनकी कोई जानकारी नहीं मिल रही है। माओपिंग ने कहा, गुओ के बारे में पुलिस की तरफ से कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। दरअसल गुओ ने अमेरिका रवाना होने से पहले अपने दोस्तों को एक संदेश भेजा था।
इस संदेश में उन्होंने कहा था कि मुझे देश की सुरक्षा के लिए खतरनाक होने की संदिग्ध सूची में रखा गया है और इस कारण मुझे अमेरिका में कैंसर का इलाज करा रही पत्नी के पास नहीं जाने दिया जाएगा। लेकिन यदि देश छोड़ने से रोका गया तो मैं आमरण अनशन करूंगा और चीन के लोगों समेत पूरे विश्व के लोगों और सरकारों को फोन करते हुए मदद की गुहार लगाऊंगा। माओपिंग ने बताया कि गुओ सरकार के आलोचकों की कानूनी मदद करते रहते हैं और उन्हें पहले भी 10 साल से ज्यादा समय के लिए कैद रखा जा चुका है।