चीन की सेना पैंगोंग झील पर विशाल पुल बना रहा, टैंक-भारी हथियारों को भारतीय सीमा तक पहुंचाने की तैयारी

अपने सैनिकों को बल्कि हथियारबंद वाहनों को भी उसी तेजी से भेजना चाहती है।'

Update: 2022-05-18 07:24 GMT

लद्दाख में नापाक साजिश रच रही चीन की सेना पैंगोंग झील पर विशाल पुल बना रही है। यह चीन की ओर पैंगोंग झील पर बनाया गया दूसरा पुल होगा जिसका इस्‍तेमाल भारी युद्धक वाहनों जैसे टैंक, हथियारबंद वाहनों को भारतीय सीमा के बेहद करीब तक पहुंचाने के लिए इस्‍तेमाल किया जाएगा। चीन यह दूसरा पुल ऐसे समय पर बना रहा है जब लद्दाख में चल रहा गतिरोध तीसरे साल में प्रवेश कर गया है। चीन की ओर से बना जा रहा पहला पुल अब पूरा हो गया है।

द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक पहले पुल का इस्‍तेमाल दूसरे पुल के निर्माण के लिए सर्विस पुल के रूप में किया जाएगा। रिपोर्ट में रक्षा सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि चीन पहले पुल का इस्‍तेमाल अपनी क्रेन को स्‍थापित करने और अन्‍य निर्माण सामग्र‍ियों को लाने के लिए कर रहा है। नया पुल पहले बनाए गए पुल के ठीक पास है। यह नया पुल पहले की तुलना में काफी बड़ा और चौड़ा है। सूत्र ने बताया कि चीन के नए पुल के निर्माण को 3 सप्‍ताह पहले ही देखा गया है।
चीन के पुल से 40 से 50 किमी कम हो गया रास्‍ता


सूत्र ने कहा कि चीन के पूरे गेम प्‍लान को समझ लिया गया है। उन्‍होंने कहा कि चीन की ओर से पैंगोंग झील पर दोनों ही तरफ से नए पुल का निर्माण किया जा रहा है। चीन ने अपने पहले बनाए गए पुल को पहले से बनाए ढांचे को फिट करके बनाया था ताकि भारतीय सेना के किसी आक्रामक अभियान का जवाब दिया जा सके। इससे पहले भारतीय सेना ने पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर स्थित चोटियों पर कब्‍जा करके चीन को बैकफुट पर ला दिया था। चीन का मकसद भविष्‍य में इस तरह की कार्रवाई को रोकना है।
चीन के पुल से अब खुरनाक से रुडोक के बीच रास्‍ता 40 से 50 किमी कम हो गया है। पैंगोंग झील 135 किमी लंबी है जो चारों तरफ से जमीन से घिरी हुई है। यह झील लद्दाख से लेकर तिब्‍बत तक फैली हुई है। सूत्र ने कहा, 'इससे पहले बना चीनी पुल केवल सैनिकों और हल्‍के वाहनों को ही झेल सकता था लेकिन नया पुल वास्‍तव में बड़ा है और चौड़ा है। इसका मतलब यह हुआ कि चीन की सेना न केवल अपने सैनिकों को बल्कि हथियारबंद वाहनों को भी उसी तेजी से भेजना चाहती है।'


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