भारत के चुनाव से चीन परेशान, चीन का दर्द छलका

चीन निकाल रहा अपनी कुंठा

Update: 2024-03-20 03:34 GMT

भारत/चीन: भारत में लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व मनाया जा रहा है. देश के करीब 97 करोड़ मतदाता अपनी सरकार चुनने की कवायद में लगे हैं. लेकिन चीन भारत में चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद से ही घबराया हुआ है. जैसे-जैसे पीएम मोदी चुनाव मैदान से अपनी जीत की गारंटी दे रहे हैं. वैसे वैसे चीन को ये गारंटी परेशान कर रही है. चीन इतना डरा हुआ है कि उसका पूरा मीडिया भारत के चुनाव पर निगाहें गड़ाए हुए हैं. आखिर चीन के पसीने क्यों छूट रहे हैं. उसे पीएम मोदी से इतना डर क्यों लग रहा है.

लोकतंत्र के पर्व पर चीन का मातम: भारत में चुनाव की तारीखों की घोषणा हुई. सियासी पारा चढ़ा लेकिन तनाव में आ गया चीन. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनाव का महापर्व मनाया जा रहा है. लेकिन चीन, भारत के चुनावी रंगों को देख चक्कर में पड़ गया है. चीन की तानाशाही सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स भारत के चुनाव पर जहर उगल लिखा है कि 'भारत में 7 चरण का आम चुनाव 19 अप्रैल को शुरू होने वाला है और नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरा कार्यकाल चाह रहे हैं'

चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग अच्छे से जानते हैं कि भारत में ही नहीं पीएम मोदी की गारंटी अब पूरे विश्व में गूंज रही है. दुनिया अब भारत को सुनती ही नहीं मानती भी है. ऐसे में मोदी 400 पार का नारा दे सत्ता में जीत की हैट्रिक लगाते हैं तो सबसे ज्यादा मुश्किल चीन जैसे देश को होगी.

भारत के चुनाव से चीन परेशान: चीन का डर बता रहा है कि वो भारत के चुनाव से कितना भयभीत है. भारत में 97 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे और अपनी नई सरकार चुनेंगे. इस बात पर भी ग्लोबल टाइम्स लिख रहा है, 'भारत में होने वाले इस चुनाव पर चीनी मीडिया काफी ध्यान दे रही है, क्योंकि भारत चीन का पड़ोसी देश है और दोनों देशों के बीच अक्सर सीमा विवाद होते रहते हैं'

चीन का दर्द छलका: असल में चीन का दुखड़ा ये भी है कि भारत ने कई चीनी कंपनिंयों की चालबाज़ी पर नकेल कसी है. चीनी सरकार का मुखपत्र लिखता है, 'पिछले कुछ वर्षों में, भारत सरकार ने चीनी कंपनियों से निपटने में कुछ 'अनुचित' कदम उठाए हैं, जिससे चीनी कंपनियों और चीनी लोगों में तीव्र असंतोष पैदा हुआ है'.

सवाल है कि आखिर चीन भारत के चुनाव में इतनी दिलचस्पी क्यों ले रहा है. भारत के चुनाव में चीन की अचानक इतनी दिलचस्पी क्यों हो गई है... क्यों चीन कह रहा है कि भारत सरकार ने चीनी कंपनियों से निपटने में कुछ 'अनुचित' कदम उठाए हैं.

भारत की विकास दर से डरा चीन: इस सवाल का जवाब आपको हमारे इन आंकड़ों में मिल जाएगा. एक रिपोर्ट के मुताबिक अगले 5 सालों में भारत की विकास दर 8 फीसदी होने की क्षमता है. ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने जताते हुए भारत की GDP ग्रोथ 8 फीसदी रहने की बात कही है. बार्कलेज ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था की ताकत का बखान करते हुए कहा है कि 2024 से 2028 तक देश में 8 फीसदी की दर से विकास करने की क्षमता है.

बार्कलेज के मुताबिक चीन की विकास दर अगले पांच साल के दौरान भारत की ग्रोथ से कम रहने का अनुमान है. RBI गवर्नर ने कहा था कि भारत की विकास दर सबको चौंकाते हुए 8 फीसदी के नजदीक पहुंच सकती है. यही वजह है कि चीन को चक्कर आ रहे हैं.

चीन निकाल रहा अपनी कुंठा: अब आपको भारत और चीन के चुनाव का फर्क भी समझा देते हैं. जहां भारत दुनिया का सबसे विशाल लोकतांत्रिक देश है तो वहीं चीन एक बड़ा तानाशाही देश है. भारत में बहुदलीय व्यवस्था है जहां कई राजनीतिक दल हैं और सभी को सत्ता में आने का बराबर अधिकार है. जबकि चीन में एक दलीय व्यवस्था है और जिनपिंग आजीवन राष्ट्रपति घोषित हो चुके हैं. भारत में कानून बनाने की जटिल प्रक्रिया है तो चीन का गोपनीय तंत्र है जहां कम्युनिस्ट पार्टी जो कहे वही संविधान है. जाहिर है चीन क्या जाने कितना महान है भारत का चुनाव और क्यों यहां के चुनाव को एक पर्व की तरह मनाया जा रहा है. 

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