चीन मानव तस्करी को रोकने के लिए विभिन्न कदम उठा रहा है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में मानव तस्करी में शामिल अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में जल्द ही आयोजित होने वाले चीन के वार्षिक दो सत्रों में चर्चा हो सकती है। साथ ही इस तरह के अपराध में शामिल होने वालों पर कड़ी सजा का प्रावधान करने पर जोर दिया जाएगा। ध्यान रहे कि चीन की सरकार मानव तस्करी जैसे अपराधों को लेकर काफी सख्त रवैया अपनाती रही है।
चीन मानव तस्करी को रोकने के लिए विभिन्न कदम उठा रहा है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में मानव तस्करी में शामिल अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में जल्द ही आयोजित होने वाले चीन के वार्षिक दो सत्रों में चर्चा हो सकती है। साथ ही इस तरह के अपराध में शामिल होने वालों पर कड़ी सजा का प्रावधान करने पर जोर दिया जाएगा। ध्यान रहे कि चीन की सरकार मानव तस्करी जैसे अपराधों को लेकर काफी सख्त रवैया अपनाती रही है। बताया जा रहा है कि कुछ दिन के बाद शुरू होने वाली नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) में प्रतिनिधि और सलाहकार मानव तस्करी जैसे अपराधों के खिलाफ कड़ी सजा देने पर बल देंगे। इस दौरान शांगहाई के कुछ प्रतिनिधि महिलाओं और बच्चों की खरीदारी या तस्करी में शामिल होने वालों को अपहरणकतार्ओं के समान अपराधी माने जाने का प्रस्ताव पेश करेंगे। उनका मानना है कि ऐसा होने से तस्करी की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकेगा।
उनका कहना है कि महिलाओं और बच्चों के खरीदारों पर लगाया जाने वाला मौजूदा जुमार्ना पर्याप्त नहीं है। ऐसे में आने वाले दो सत्रों में वे तस्करों के खिलाफ अधिक कड़ी सजा का प्रावधान करने पर जोर देंगे। गौरतलब है कि आपराधिक कानून यह निर्धारित करता है कि जो लोग महिलाओं और बच्चों का अपहरण करते हैं और उनकी तस्करी करते हैं, उन्हें कम से कम पांच साल की जेल का सामना करना पड़ता है, जबकि इस सजा को बढ़ाकर 10 साल या उससे अधिक की कैद हो सकती है। यहां तक कि गंभीर आपराधिक मामलों में मौत की सजा भी दी जाती है। लेकिन अपहृत महिलाओं और बच्चों को खरीदने वालों के लिए अधिकतम सजा सिर्फ तीन साल है। शांगहाई से एनपीसी के प्रतिनिधि फान श्यांगली के मुताबिक चाहे वे तस्कर हों या खरीदार, अनिवार्य रूप से वे मानव के मूल मूल्यों का उल्लंघन करते हैं और अन्य लोगों को गुलाम बनाते हैं, जो अमानवीय और असहनीय है। इसको लेकर हम संशोधन के लिए एक प्रस्ताव पेश करने वाले हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि महिलाओं और बच्चों को घोर अपराध के रूप में खरीदने और उल्लंघन करने वालों पर भारी आपराधिक दंड लगाने के अधिनियम में कानूनी रूप से संशोधन करना बहुत जरूरी है।