चीन अब भी विदेशी निवेशकों का पसंदीदा देश, भारत में भी बढ़ा निवेश
चीन अब भी विदेशी निवेशकों के लिए सबसे पसंदीदा देश बना हुआ है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: चीन अब भी विदेशी निवेशकों के लिए सबसे पसंदीदा देश बना हुआ है। 2021 के पहले महीने, यानी बीते जनवरी में भी यह दौर जारी रहा। इसके पहले 2020 में अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए चीन प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी एफडीआई का सबसे बड़ा केंद्र बन गया था। अंकटाड के मुताबिक 2020 में प्रत्यक्ष विदेश निवेश के ट्रेंड में भारी बदलाव आया। विकसित अर्थव्यवस्थाओं में सकल रूप से इसमें 69 फीसदी की गिरावट आई। यूरोप में विदेशी निवेश में दो तिहाई की गिरावट आ गई। विकासशील देशों का इस मामले में प्रदर्शन कहीं बेहतर रहा। चीन और भारत खास अपवाद रहे। भारत में विदेशी निवेश में 2020 में 13 प्रतिशत का इजाफा हुआ।
जनवरी में हुआ 14 अरब डॉलर का निवेश
चीन के वाणिज्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक चीन में जनवरी 2021 में 91.61 अरब युवान (14 अरब डॉलर) का विदेशी निवेश हुआ। बीते वर्ष यानी 2020 की जनवरी के तुलना में यह 4.6 प्रतिशत ज्यादा है। चीन के वित्तीय बाजारों में इस समय सबसे ज्यादा विदेशी निवेश हो रहा है। ताजा आंकड़ों से जाहिर है कि कोरोना महामारी का चीन में होने वाले विदेशी निवेश पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। उल्टा 2020 में देश में विदेशी निवेश 144.37 डॉलर तक पहुंच गया। चीन में विदेशी निवेश के आंकड़े जारी करने की शुरुआत 1983 में हुई थी। तब से 2020 इतनी विदेशी पूंजी कभी चीन नहीं पहुंची थी।
विश्व में घटा एफडीआई
गौरतलब है कि 2020 में कोरोना महामारी का दुनिया भर में विदेशी निवेश पर बहुत खराब असर हुआ। पिछले साल वैश्विक स्तर पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 40 फीसदी की गिरावट आई। संयुक्त राष्ट्र की व्यापार एजेंसी-अंकटाड के आंकड़ों के मुताबिक बहुत कम देश इस रुझान से बचे। उनमें चीन सबसे प्रमुख है।
अमेरिका को भी पीछे छोड़ा
जानकारों का कहना है कि इस नए ट्रेंड के कारण चीन प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का सबसे बड़ा केंद्र बनता जा रहा है। इस मामले में उसने अमेरिका को भी पीछे छोड़ दिया है, जो अब तक विदेशी निवेशकों की सबसे पसंदीदा जगह होता था।
यह है चीन के प्रति आकर्षण का कारण
विशेषज्ञों के मुताबिक चीन में बड़ी मात्रा में विदेशी निवेश पहुंचने की वजह उसका कोरोना महामारी से जल्द उबर जाना है। हालांकि ये महामारी सबसे पहले वहीं आई, लेकिन चीन ने उसे जल्द संभाल लिया। इसी कारण 2020 में वह अकेली बड़ी अर्थव्यवस्था रहा, जहां जीडीपी में वृद्धि हुई। जबकि बाकी सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में जीडीपी में गिरावट आई। इस कारण निवेशकों के लिए चीन एक आकर्षक जगह बन गया।
2028 में बनेगा विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
ब्रिटेन स्थित थिंक टैंक-सेंटर फॉर इकॉनमिक्स एंड बिजनेस रिसर्च के मुताबिक अब 2028 तक अमेरिका को पछाड़ते हुए चीन दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। पहले इसमें कहीं ज्यादा समय लगने का अनुमान था।
2021 में भी विदेशी निवेश की स्थिति कमजोर रहेगी। अंकटाड की निवेश शाखा के निदेशक जेम्स झान के मुताबिक पिछले साल विकासशील देशों की स्थिति इस मामले में कुछ बेहतर रही थी, लेकिन इस साल वहां इसको लेकर बड़ी चिंताएं हैं। झान के मुताबिक निवेश पर हुआ महामारी का असर अभी लंबा चलेगा। निवेशक विदेश में अपना पैसा लगाने को लेकर सतर्क रुख अपनाए रखेंगे। इस बीच जानकारों का कहना है कि इस बीच चीन एक ऐसी जगह के रूप में जरूर उभर रहा है, जहां निवेशक बेखौफ होकर अपना पैसा लगा रहे हैं।