चीन ने ताइवान की ओर लड़ाकू विमानों को भेजा, शी जिनपिंग बोले- 'शांतिपूर्ण तरीके से बनाएंगे अपने देश का हिस्सा'

चीन (China) के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने शनिवार को ताइवान (Taiwan) के साथ शांतिपूर्ण तरीके से ‘एकीकरण’ करने का संकल्प लिया.

Update: 2021-10-09 04:47 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चीन (China) के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने शनिवार को ताइवान (Taiwan) के साथ शांतिपूर्ण तरीके से 'एकीकरण' करने का संकल्प लिया. देश में अंतिम शाही वंश को समाप्त करने वाली क्रांति की 110वीं वर्षगांठ मनाई जा रही हैं. इस मौके पर राजधानी बीजिंग (Beijing) में ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल में बोलते हुए जिनपिंग ने कहा कि चीन के साथ एकीकरण में सबसे बड़ी बाधा ताइवान स्वतंत्रता बल थे. उन्होंने कहा, 'जो लोग अपनी विरासत को भूल जाते हैं, अपनी मातृभूमि के साथ विश्वासघात करते हैं और देश को विभाजित करने की कोशिश करते हैं. उनका कभी भला नहीं होगा.'

चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि 'वन कंट्री टू सिस्टम' (One country Two systems) पॉलिसी के तहत शांतिपूर्ण तरीके से एकीकरण होते हुए देखना चाहते हैं. ये बिल्कुल हांगकांग (Hong Kong) में इस्तेमाल होने वाली पॉलिसी की तरह है. इस सिस्टम का आमतौर पर ताइवान द्वारा विरोध किया जाता रहा है. जिनपिंग का ये बयान ऐसे समय पर आया है, जब ताइवान जलडमरूमध्य में सैन्य तनाव बढ़ता जा रहा है. राष्ट्रपति ने कहा कि ताइवान का मुद्दा चीन के आंतरिक मामलों में से एक है और इस वजह से उनका देश बाहर से की जाने वाली हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेगा.
ताइवान को अपने देश का हिस्सा मानता है चीन
शी जिनपिंग ने कहा, 'लोगों को राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए चीनी लोगों के दृढ़ संकल्प को कम करने नहीं आंकना चाहिए. चीन के पूर्ण एकीकरण के कार्य को अवश्य ही हासिल किया जाना चाहिए और इसे जरूर हासिल किया जाएगा.' दरअसल, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने गृहयुद्ध के बाद ताइवान पर कब्जा करने में सफलता हासिल नहीं कर पाई. लेकिन चीन अभी भी ताइवान को अपने क्षेत्र का हिस्सा मानता है और इसे बलपूर्वक कब्जाने पर जोर देता है. हालांकि, ताइवान खुद को एक संप्रभु राष्ट्र के तौर पर देखता है. चीन कई बार कह चुका है कि वो ताइवान पर बलपूर्वक कब्जा करेगा.
चीन ने ताइवान की ओर लड़ाकू विमानों को भेजा
क्रांति की वर्षगांठ ऐसे मौके पर आई है, जब चीन और ताइवान के बीच जबरदस्त तनाव देखने को मिल रहा है. चीन लगातार लड़ाकू विमानों को ताइवान की ओर भेज रहा है. वहीं, पास के जलक्षेत्र में अमेरिका और उसके सहयोगी सैन्य अभ्यास कर रहे हैं. शुक्रवार को बीजिंग ने वाशिंगटन (Washington) से कहा कि वह ताइवान समझौते के तहत अपने सैनिकों को ताइवान से दूर रखे. दरअसल, एक अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने बताया था कि अमेरिकी सेना के सलाहकारों को ताइवान में तैनात किया गया है. गौरतलब है कि अमेरिका और ताइवान के बीच का रिश्ते काफी घनिष्ठ हैं.


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