भारत ने पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रवैया अपनाया है। भारत की यही रणनीति चीन के खिलाफ भी रही है। लेकिन अब चीन और पाकिस्तान मिलकर भारत के खिलाफ एक बड़ी साजिश को अंजाम दे रहे हैं। दोनों देश एक लंबा युद्धाभ्यास करने जा रहे हैं। खासतौर से इसका मकसद भारत के राफेल और सूखोई को मार गिराने का है। चीन और पाकिस्तान के बीच सैन्य अभ्यास का ये दसवां संस्करण है। दोनों देशों के इस युद्धभ्यास को भारत के खिलाफ माना जाता है। इस युद्धाभ्यास में चीन और पाकिस्तान के लगभग सभी लड़ाकू विमान हिस्सा लेंगे। चीन और पाकिस्तान की हमेशा से यही रणनीति रही है कि किसी भी तरह से भारत को घेरा जाए।
पाकिस्तान और चीन की तरफ से किए जाने वाले इस वॉर एक्सरसाइज का मकसद भारत को एक बार में दो मोर्चों पर उलझाकर रखना है। चीन और पाकिस्तान का मानना है कि इससे भारत की सैन्य शक्ति बंट जाएगी। शाहीन या ईगल युद्ध अभ्यास में जे-20 लड़ाकू विमान के भी शामिल होने की संभावना है। ये चीन का सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमान माना जाता है। शाहीन या ईगल अभ्यास में जे-20 लड़ाकू विमान के भी शामिल होने की संभावना है। यह चीन का सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमान माना जाता है।
विरोधियों के खिलाफ अपनी परिचालन क्षमता को बढ़ाने के लिए, सरकार ने पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा (एलओसी) और चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तैनात होने के लिए भारतीय सेना के लिए 2150 उच्च गतिशीलता वाहनों (एचएमवी) की खरीद के लिए सूचना के लिए दो अनुरोध (आरएफआई) जारी किए हैं। पहले आरएफआई के अनुसार, रक्षा मंत्रालय सामग्री प्रबंधन क्रेन के साथ 650 एचएमवी 6x6 खरीदेगा। दूसरा आरएफआई लगभग 1500 एचएमवी 6x6 सामान्य सेवा खरीदने के लिए जारी किया गया था। सेना के सूत्रों ने एशियानेट न्यूजएबल को बताया कि ये वाहन धीरे-धीरे पुराने वाहनों की जगह ले लेंगे