भारत के लिए खतरे की घंटी, हिंदुस्तान-भूटान बॉर्डर के करीब चीन ने खोला 5G सिग्‍नल से लैस रडार स्‍टेशन

चीनी मिलिट्री की तरफ से आया बयान

Update: 2021-04-13 13:59 GMT

चीन ने तिब्‍बत के सूनसान हिमालयी क्षेत्र में एक 5जी सिग्‍नल बेस खोल दिया है. चीन ने इसे गनबाला रडार स्‍टेशन नाम दिया है और यह दुनिया का सबसे ज्‍यादा ऊंचाई वाला रडार स्‍टेशन है. 5,374 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह रडार स्‍टेशन पूरी तरह से मैन्‍युली ऑपरेटेड स्‍टेशन है. चीनी की आधिकारिक मिलिट्री वेबसाइट पर इस बारे में जानकारी दी गई है. यह रडार स्‍टेशन भारत के लिए आने वाले दिनों में एक बड़ा खतरा बन सकता है.


चीनी मिलिट्री की तरफ से आया बयान
तिब्‍बत में स्थित नागारजे काउंटी में गनबाला रडार स्‍टेशन चीन ने खोला है. यह जगह भारत और भूटान के बॉर्डर के एकदम करीब है.


पिछले वर्ष के अंत में पीपुल्‍स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) ने असैन्‍य संगठनों के आपसी सहयोग से गनबाला में नेटवर्क की मुश्किल को दूर करने के लिए 5जी बेस का निर्माण कार्य शुरू किया था.

चीन की तरफ से कहा गया था कि इस बेस का मकसद उसके जवानों के सामने आने वाली नेटवर्क की समस्‍याओं को दूर करना है.

जवानों को राहत देना मकसद
चीनी वेबसाइट के मुताबिक स्थिर और हाई-स्‍पीड 5जी सिग्‍नल की वजह से दूर-दराज के पर्वतीय इलाकों में तैनात जवानों को आसपास की जानकारी मिल सकेगी.

मिलिट्री के अधिकारियों की मानें तो इस सेवा के बाद बॉर्डर पर बोरिंग लाइफ से भी जवानों को राहत मिल सकेगी. चीनी सेना के मुताबिक बॉर्डर एरियाज में रहने वाले सैनिकों के लिए स्थितियों के ड्यूटी पर बेहतर बनाने की एक छोटी सी कोशिश है.

माउंट एवरेस्‍ट पर भी 5जी नेटवर्क
17,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित 5जी सिग्‍नल बेस चीनी मिलिट्री के कई प्रोजेक्‍ट्स का हिस्‍सा है. चीन ने यह 5जी सर्विस सेंटर ऐसे समय में खोला है जब दुनिया के दूसरे देशों ने इस सेवा को लेकर उससे कन्‍नी काट ली है.

पिछले वर्ष चीन की हुआवे ने माउंट एवरेस्‍ट के करीब भी एक 5जी सर्विस सेंटर खोला था. हुआवे ने इस समय तिब्‍बत में तीन 5जी सर्विस स्‍टेशन खोले हैं.

5जी सर्विस वो सर्विस है जिसकी मदद से 4जी की तुलना में 10 से 100 गुना ज्‍यादा तेजी से डाउनलोडिंग किया जा सकता है.

कैसे बढ़ सकती हैं भारत की चुनौतियां
भारत के लिए चीन की 5जी सेवा बड़ी चुनौती बन सकती है. रक्षा विशेषज्ञ इसे भारत के लिए खतरा करार दे रहे हैं. उनका मानना है कि इस रडार स्‍टेशन को चीन भले ही अपनी सेना के जवानों के लिए मदद करार दे रहा हो लेकिन उसका असल मकसद कहीं न कहीं भारत की गतिविधियों पर नजर रखना है.

चीन बॉर्डर के करीब वह सेना और वायुसेना की गतिविधियों पर नजर रखना चाहता है. ऐसे में तिब्‍बत में 5जी सर्विस वाला रडार स्‍टेशन शुरू करके वो भारतीय सेना के लिए एक नई चुनौती पैदा कर रहा है.

हिमालय पर कब्‍जा करने की फिराक में चीन
पिछले वर्ष जब चीन ने माउंट एवरेस्‍ट पर चीन ने अपना 5जी सर्विस नेटवर्क लॉन्‍च किया था तो उस समय भी भारत में विशेषज्ञों ने चिंता जताई थी.

भारतीय विशेषज्ञों ने इसे एक विवादास्‍पद कदम करार दिया था. उनका मानना था कि चीन के इस कदम के साथ ही पूरा हिमालय उसकी सीमा में आ सकता है. चीन ने 5जी नेटवर्क के साथ ही माउंट एवरेस्‍ट को अपने क्षेत्र में करार दिया था.चीन का वह 5जी स्‍टेशन समुद्र की सतह से 8,000 मीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया गया था.

रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक इससे चीन को भारत, बांग्लादेश और म्यांमार पर नजर रखने में बहुत हद तक मदद मिलने वाली है. इसके साथ ही उन्‍होंने यह भी कहा था कि चीन, हिमालय क्षेत्र में अपने नेटवर्क से बड़ा फायदा उठाने की फिराक में है.
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