वाशिंगटन, प्रेट्र। चीन के मिसाइल कार्यक्रम ने अमेरिका के माथे पर चिंता की लकीर खींच दी है। अमेरिकी सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि चीन हाइपरसोनिक तकनीक में खुद को इतना उन्नत कर चुका है कि वह एक दिन अमेरिका पर अचानक परमाणु हमला कर सकता है। सीबीएस न्यूज को दिए इंटरव्यू में अमेरिकी रक्षाबल के उपप्रमुख जनरल जान हायटन ने कहा, उन्होंने (चीन) 27 जुलाई को एक लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया था। मिसाइल हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल से लांच की गई थी। मिसाइल ने दुनिया का चक्कर लगाया और वापस चीन पहुंची। इस दौरान मिसाइल ने ध्वनि से पांच गुना तेज रफ्तार पकड़ी। बता दें कि चीन का कहना है कि उसने मिसाइल नहीं बल्कि अंतरिक्षयान का परीक्षण किया था।
लक्ष्य से कुछ किमी दूर गिरी मिसाइल
जनरल हायटन ने कहा, चीनी मिसाइल चीन में ही मौजूद लक्ष्य से कुछ किलोमीटर की दूरी पर गिरी थी। आवाज से पांच गुना तेज रफ्तार होने के कारण यह रडार की क्षमता से दूर रही। उन्होंने कहा, मिसाइल एकल उपयोग वाली हो सकती है।
चीन के सैकड़ों परीक्षण, अमेरिका के सिर्फ नौ
सैन्य अधिकारी नेचिंता जताते हुए कहा, पिछले पांच सालों में चीन ने सैकड़ों हाइपरसोनिक मिसाइल परीक्षण किए, जबकि इस दौरान अमेरिका ने सिर्फ नौ परीक्षण ही किए। चीन मध्यम-दूरी के हाइपरसोनिक हथियार को पहले ही तैनात कर चुका है, जबकि अमेरिका को इस काम में कुछ और साल लगेंगे।
चीन ने बताया था 'नियमित परीक्षण'
चीन ने 18 अक्टूबर को परीक्षण की पुष्टि की। उसने इस तवज्जो नहीं दिए जाने का प्रयास किया। इस दौरान उसने इसे 'नियमित परीक्षण' बताते हुए कहा कि यह मिसाइल नहीं बल्कि एक अंतरिक्ष यान है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने पिछले महीने सवालों के जवाब में कहा था कि यह अंतरिक्ष यान की फिर से इस्तेमाल करने की तकनीक को चेक करने के लिए अंतरिक्ष यान का एक नियमित परीक्षण था। अंतरिक्ष यान के उपयोग की लागत को कम करने और अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग में दोनों तरफ परिवहन के लिए एक सुविधाजनक और सस्ता तरीका प्रदान करना बहुत महत्वपूर्ण है। दुनिया भर में कई कंपनियों ने इसी तरह का परीक्षण किया है।