चीन ने हजारों किलोमीटर दूरी से युद्धपोतों को निशान के लिए बनाया दो 'एयरक्राफ्ट कैरियर किलर' मिसाइले, PLA ने दी चेतावनी

चीन की दो 'एयरक्राफ्ट कैरियर किलर' मिसाइलों ने हजारों किलोमीटर दूरी से दागे जाने पर समुद्र के अंदर गश्‍त लगा रहे युद्धपोतों को तबाह कर दिया।

Update: 2020-11-15 11:00 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| चीन की दो 'एयरक्राफ्ट कैरियर किलर' मिसाइलों ने हजारों किलोमीटर दूरी से दागे जाने पर समुद्र के अंदर गश्‍त लगा रहे युद्धपोतों को तबाह कर दिया। चीन ने इस मिसाइल का गत अगस्‍त में परीक्षण किया था लेकिन अब पहली अबार उसकी जानकारी सार्वजनिक की है। चीन के एक सैन्‍य व‍िशेषज्ञ ने कहा कि इन दोनों मिसाइलों ने साउथ चाइना सी में स्थित परासेल द्वीप समूह के पास युद्धपोत को निशाना बनाया।

पेइचिंग के बीइहांग यूनिवर्सिटी में प्रफेसर और पूर्व कर्नल वांग शियांगसूई ने कहा कि DF-26B और DF-21D मिसाइलों ने अपने लक्ष्‍य को बर्बाद कर दिया था। DF-26B मिसाइल को उत्‍तरी-पश्चिमी किंगहाई प्रांत से दागा गया था और दूसरी मिसाइल DF-21D चीन के पूर्वी हिस्‍से में स्थित झेजियांग प्रांत से रवाना हुई थी। इन मिसाइलों का परीक्षण ऐसे समय पर किया गया था जब चीन ने आरोप लगाया था कि अमेरिका का U-2 जासूसी विमान बिना अनुमति के ही चीनी युद्धाभ्‍यास के दौरान बोहाई समुद्र के तट पर आ गया था।

अमेरिका ने चीनी मिसाइल परीक्षण के बाद धमकी दी

DF-21 का निशाना असामान्य रूप से सटीक होता है। सैन्य विशेषज्ञ इसे 'कैरियर किलर' कहते हैं जिनका मानना है कि इसे उन अमेरिकी विमानवाहकों को निशाना बनाने के लिए विकसित किया गया है जो चीन के साथ संभावित संघर्ष में शामिल हो सकते हैं। अमेरिका ने इस चीनी मिसाइल परीक्षण के बाद धमकी दी थी कि अगर मिसाइलों ने अमेरिकी विमानवाहक पोतों को निशाना बनाया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। वांग ने कहा कि इन मिसाइलों का सफल परीक्षण अमेरिका के लिए चेतावनी है। उन्‍हें चीन के खिलाफ कोई भी सैन्‍य जोखिम नहीं उठाना चाहिए।

सेना को विस्तार देने की कोशिश

पेइचिंग ने पिछले दो दशक में मिसाइलों, लड़ाकू विमानों, परमाणु पनडुब्बियों और अन्य हथियारों को विकसित करने की कोशिश में खूब खर्च किया है ताकि वह अपनी सीमाओं से परे भी अपनी सेना को विस्तार दे सके। दरअसल, विश्व के सबसे व्यस्ततम व्यापार मार्गों में से एक, दक्षिण चीन सागर पर नियंत्रण को लेकर बढ़ता विवाद पेइचिंग के वॉशिंगटन और उसके दक्षिणी पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते में लगातार कड़वाहट पैदा कर रहा है। ट्रंप प्रशासन ने विवादित क्षेत्र के ज्यादातर हिस्से पर संप्रभुता के पेइचिंग के दावों को इस साल खारिज कर दिया था। इसके कुछ हिस्सों पर वियतनाम, फिलीपीन और अन्य देश की सरकारें भी दावा करती हैं।

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