असली मरीजों को पहचानने के लिए न नाक, न गला ऐसे अजीब तरीके से जांच रहा चीन, विशेषज्ञ का दावा- थोड़ा मुश्किल पर सबसे सटीक

कोरोना वायरस (Coronavirus) की वैक्सीन आने के बावजूद कई देश संक्रमण की दूसरी लहर और वायरस के नए स्वरूप से जूझ रहे हैं.

Update: 2021-01-28 14:05 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना वायरस (Coronavirus) की वैक्सीन आने के बावजूद कई देश संक्रमण की दूसरी लहर और वायरस के नए स्वरूप से जूझ रहे हैं. हालांकि इस बार देशों की तैयारियां पूरी है, बड़े पैमाने पर टेस्टिंग (Testing) की जा रही है और प्रतिबंधों को और सख्ती से लागू कर दिया गया है. कोरोना का जन्मदाता चीन (China) भी इन दिनों कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है, जिससे बचने के लिए चीन एक बेहद अजीबो-गरीब तरीके से संक्रमण की जांच कर रहा है.


पूरी दुनिया में कोरोना की जांच के लिए नाक के स्वैब का इस्तेमाल किया जा रहा है लेकिन चीन वायरस की टेस्टिंग के लिए एनल स्वैब का इस्तेमाल कर रहा है. चीन के विशेषज्ञ इस तरीके से खुश हैं और एनल स्वैब से टेस्टिंग को जांच का एकदम सटीक तरीका बता रहे हैं.


हॉटस्पॉट इलाकों में हो रही टेस्टिंग
कोरोना के नए स्ट्रेन से चीन भी नहीं बच पाया. ब्रिटेन में पाया गया नया स्ट्रेन चीन में दस्तक दे चुका है. अमेरिकी मीडिया न्यूयॉर्क पोस्ट ने न्यूजवीक के हवाले से इस बात का खुलासा किया. रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन से चीन की यात्रा करने वाले एक 9 साल के लड़के में ब्रिटेन के स्ट्रेन की पुष्टि हुई थी. इसके बाद से ही लगातार इलाके में जांच की जा रही है.

रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन एनल स्वैब से जांच के तरीके का इस्तेमाल पिछले साल से कर रहा है. चीन के शंघाई जैसे हॉटस्पॉट इलाकों में इस तरीके का इस्तेमाल किया जा रहा है. हालांकि बड़े पैमाने पर नाक और गले के स्वैब से ही जांच की जा रही है क्योंकि यह तरीका एनल स्वैब की तुलना में ज्यादा आसान है.

थोड़ा मुश्किल लेकिन सबसे सटीक
न्यूजवीक के मुताबिक पेइचिंग के यू एन अस्पताल के ली तोंगजेंग का कहना है कि भले ही एनल स्वैब से जांच का तरीका कठिन है लेकिन यह ज्यादा सटीक है. इसका इस्तेमाल हॉटस्पॉट इलाकों में किया जा रहा है क्योंकि इस तरीके से उन लोगों की पहचान की जा सकती है जिनकी रिपोर्ट गलत तरीके पॉजिटिव आई है.

गौरतलब है कि दिसंबर 2019 में कोरोना का पहला मामला चीन के वुहान शहर से सामने आया था. चीन में अब तक 88 हजार से ज्यादा संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं. वहीं 4,600 लोग वायरस से जान गंवा चुके हैं. चीन ने फरवरी के मध्य तक पांच करोड़ लोगों तक कोरोना वैक्सीन पहुंचाने की योजना बनाई है. मामले बढ़ने के बाद सरकार ने लोगों से अपील की है कि वो चीनी न्यू ईयर पर घरों में ही रहें और बाहर घूमने और यात्रा करने की योजना रद्द कर दें.


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