चीन फिर बना रहा वुहान जैसी और लैब, कोरोना फैलाने के लिए जिम्मेदार मानी जाती है यह प्रयोगशाला

दुनियाभर के देश कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं।

Update: 2021-04-17 15:06 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: दुनियाभर के देश कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं। अधिकांश देश इस घातक बीमारी की उत्पत्ति के लिए चीन को जिम्मेदार मानते हैं। हालांकि, चीन को इन आरोपों से बिल्कुल भी फर्क नहीं पड़ता तभी तो उसने देश में अधिक जैव प्रयोगशालाओं की स्थापना और उनके सुरक्षित संचालन के लिए नए जैव सुरक्षा कानून को लागू कर दिया है।

दिसंबर 2019 में हुई थी कोविड-19 की शुरुआत
चीन पर कई देशों ने आरोप लगाया है कि दिसंबर 2019 में कोविड-19 की शुरुआत चीन के वुहान शहर से हुई थी। कई रिपोर्ट्स में यह बात कही गई है कि वुहान में स्थित जैव प्रयोगशाला से ही कोरोना वायरस की उत्पत्ति हुई थी। देखते ही देखते इस घातक वायरस ने विक्राल महामारी का रूप ले लिया जिसकी चपेट में आने के कारण करोड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। ऐसे में इन प्रयोगशालाओं को लेकर चीन द्वारा देश में लागू नए कानून से दुनियाभर के देशों की चिंता बढ़ गई है।
प्रौद्योगिकी क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रमुख वैज्ञानिक शोध जारी रखेगा चीन
इस बीच चीन के विज्ञान व प्रौद्योगिकी मामलों के उप मंत्री शियांग लिबिन ने कहा कि नए जैव सुरक्षा कानून के तहत चीन अधिक से अधिक प्रयोगशालाओं के निर्माण की मंजूरी देना जारी रखेगा। एक समाचार पत्र ने शियांग के हवाले से कहा कि चीन भविष्य में संक्रामक रोगों के खिलाफ अपने जैव सुरक्षा विज्ञान व प्रौद्योगिकी क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रमुख वैज्ञानिक शोध जारी रखेगा। यह भी कहा गया है कि मंत्रालय ने चीन में तीन जैव सुरक्षा स्तर- 4 के प्रयोगशालाओं या पी 4 प्रयोगशालाओं और 88 जैव सुरक्षा स्तर- 3 प्रयोगशालाओं के निर्माण की मंजूरी परीक्षण के बाद दी है. बता दें, बायो सुरक्षा स्तर (बीएसएल) या रोगजनक/संरक्षण स्तर, जैव रोकथाम एहतियातों की कड़ी है, जिसकी जरूरत संलग्न प्रयोगशाला के आसपास खतरनाक जैविक एजेंटों को अलग करने के लिए होती है।


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