चीन बना रहा 'रॉकेट लॉन्चिंग जहाज', समुद्र से रॉकेट्स को करेगा अंतरिक्ष में लॉन्च

साथ ही इससे ये भी फायदा है कि रॉकेट के स्टेज और अन्य मलबा जमीन पर गिरने के बजाय समुद्र में गिरेगा.

Update: 2021-11-16 02:13 GMT

चीन (China) सैटेलाइट्स को लॉन्च करने और रॉकेट स्टेज को रिकवर करने की अपनी क्षमता को बढ़ाना चाहता है. इसी दिशा में चीन एक विशेष रूप से डिजाइन किया गया जहाज बना रहा है, जिसके जरिए रॉकेट्स को समुद्र से अंतरिक्ष में लॉन्च (Rockets Launch from sea to space) किया जा सके. 533 फीट (162.5 मीटर) लंबा, 131 फीट (40 मीटर) चौड़ा 'न्यू-टाइप रॉकेट लॉन्चिंग जहाज' का निर्माण पूर्वी तट पर शेडोंग प्रांत (Shandong province) के हैयांग (Haiyang) में नए चीन ओरिएंटल स्पेसपोर्ट (China Oriental Spaceport) के इस्तेमाल के लिए किया जा रहा है.

ये नया जहाज 2022 में सेवा में शामिल हो जाएगा. इसमें इंटीग्रेटेड लॉन्च सपोर्ट उपकरण होंगे. ये लॉन्च मार्च 11 रॉकेट, बड़े कमर्शियल स्मार्ट ड्रैगन रॉकेट और लिक्विड प्रोप्लेंट रॉकेट्स को लॉन्च कर सकेगा. जहाज को भविष्य में रॉकेट के फर्स्ट स्टेज को रिकवर करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. ये बिल्कुल उसी तरह काम करेगा, जैसा स्पेसएक्स के स्पेसपोर्ट ड्रोन जहाज फाल्कन 9 और फाल्कन हेवी रॉकेट के फर्स्ट स्टेज की लैंडिंग के लिए एक प्लेटफॉर्म मुहैया कराकर करते हैं. रॉकेट के नीचे के हिस्से को फर्स्ट स्टेज कहा जाता है और ये आमतौर पर सबसे बड़ा होता है. इसका काम रॉकेट को ऊंचाई पर ले जाना होता है.
समुद्री लॉन्च करने वाला तीसरा देश बना चीन
चीन पहले से ही कंवर्टेड बार्ज का इस्तेमाल करके पीले सागर से लॉन्ग मार्च 11 सॉलिड रॉकेट के दो समुद्री लॉन्च को अंजाम दे चुका है. इसमें सबसे लेटेस्ट सितंबर 2020 में किया गया था. इन मिशनों ने चीन को अमेरिका और रूस के बाद समुद्री लॉन्चिंग क्षमता हासिल करने वाला तीसरा देश बना दिया. चीन के मुख्य स्पेस कॉन्ट्रैक्टर ने साल की शुरुआत में कहा कि उसने लॉन्ग मार्च 11 के दो से तीन समुद्री लॉन्चिंग की योजना बनाई. लेकिन अभी तक ये पूरा नहीं हो पाया है. ऐसे में अभी तक ये भी स्पष्ट नहीं है कि इसके पीछे की वजह कहीं नए जहाज की योजना तो नहीं है, क्योंकि अभी इसका काम जारी है.
चीन को इस जहाज से क्या मिलेगा फायदा?
जहाज चीन को समुद्र से लॉन्च करने की दर को बढ़ाने में मदद करेगा. इसकी वजह से चीन के चार मुख्य लॉन्च केंद्रों पर से दबाव भी कम होगा. अभी तक चीन ने 2021 में 41 बार लॉन्च किया है. इसने एक साल में ऐसा करके एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी बनाया है. वहीं, अमेरिका ने अभी तक 39 लॉन्च ही किए हैं. समुद्र से लॉन्च करने से चीन को काफी फायदा मिलने वाला है. दरअसल, लॉन्च साइट का लचीला होने की वजह से स्पेस में जाने का एक और रास्ता मिलेगा, जिसका अभी तक किसी ने इस्तेमाल नहीं किया है. साथ ही इससे ये भी फायदा है कि रॉकेट के स्टेज और अन्य मलबा जमीन पर गिरने के बजाय समुद्र में गिरेगा.
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