म्यांमार में नौसेना के लिए बड़ा ड्राई डॉक बना रहा चीन, बंगाल की खाड़ी में बढ़ सकती है टेंशन
ऐसे में म्यांमार जैसे गरीब देश इतना महंगा और बड़ा युद्धपोत बनाने की सोच भी नहीं सकता है।
लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक भारत को घेरने की कोशिश में जुटा चीन अब बंगाल की खाड़ी में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है। इसके लिए चीन ने बांग्लादेश और म्यांमार को अपने पाले में लाना भी शुरू कर दिया है। चीन ने हाल के वर्षों में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत म्यांमार में बड़ा निवेश किया है। तख्तापलट के बाद सत्ता पर काबिज हुई म्यांमार की सेना को भी चीन का संरक्षण प्राप्त है। यही कारण है कि चीन अब म्यांमार की नौसेना को एक पनडुब्बी गिफ्ट देने के बाद अपनी सैन्य उपस्थिति को बढ़ा रहा है।
म्यांमार में ड्राई डॉक बना रहा है चीन
अब दुनियाभर की पनडुब्बियों की गतिविधियों पर निगाह रखने वाले रक्षा विशेषज्ञ एचआई सटन ने कोवर्ट सोर्स नाम की डिफेंस वेबसाइट पर लिखे लेख में चीन की नई चाल का खुलासा किया है। उन्होंने बताया है कि चीनी नौसेना इन दिनों म्यांमार नेवी की शिपयॉर्ड में एक विशाल ड्राई डॉक का निर्माण किया है। 40,000 टन का यह ड्राई डॉक यंगून नदी पर थिलावा शिपयार्ड के उत्तर में एक ग्रीन-फील्ड साइट में बनाया गया है।
म्यांमार की नौसेना के सभी युद्धपोतों से बड़ी है यह फैसिलिटी
निर्माण कार्य के विश्लेषण के आधार पर, बताया गया है कि यह फैसिलिटी कुल मिलाकर 150 मीटर (490 फीट) चौड़ी और 400 मीटर (1,300 फीट) से अधिक लंबी है। इस फैसिलिटी का मुहाना सुरक्षा के दृष्टिकोण से काफी संकरा बनाया गया है। लेकिन इसका आकार म्यांमार की नौसेना के युद्धपोतों की तुलना में बहुत बड़ा है। स्वाभाविक रूप से अटकलें लगाई जाएंगी कि क्या म्यांमार बड़े युद्धपोतों की योजना बना रहा है।
दुनिया के सबसे बड़े युद्धपोत से भी बड़ा है आकार
आपको बता दें कि वर्तमान में दुनिया का सबसे बड़ा युद्धपोत दक्षिण कोरिया के पास है। UMS Moattama नाम का यह युद्धपोत सिर्फ 125 मीटर (410 फीट) लंबा और 22 मीटर (72 फीट) चौड़ा है। आज के दौर की बात की जाए तो दुनिया के लगभग सभी देश बड़े-बड़े विध्वंसक युद्धपोतों की जगह पर छोटे आकार के फ्रिगेट्स को महत्व दे रहे हैं। ऐसे में म्यांमार जैसे गरीब देश इतना महंगा और बड़ा युद्धपोत बनाने की सोच भी नहीं सकता है।