इंडियन बॉर्डर पर China ने बढ़ाई हवाई ताकत,आखिर क्या है 'ड्रैगन' का इरादा?
दक्षिण चीन सागर (South China Sea) में अपनी आक्रामक कार्रवाई करने वाला चीन (China) अब भारतीय सीमा (Indian Border) पर भी अपनी ‘नापाक’ हरकतें दोहराने में जुट गया है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दक्षिण चीन सागर (South China Sea) में अपनी आक्रामक कार्रवाई करने वाला चीन (China) अब भारतीय सीमा (Indian Border) पर भी अपनी 'नापाक' हरकतें दोहराने में जुट गया है. चीन ने गुपचुप तरीके से अपनी पश्चिमी सीमा पर वायुसेना (Chinese Air Force) की गतिविधियों को बेहद ही तेज रफ्तार से बढ़ाना शुरू कर दिया है. चीन ने भारत से लगने वाली सीमा को ऐसे समय पर मजबूत करना शुरू किया है, जब भारत के साथ उसका तनाव चरम पर है. 'ड्रैगन' ने अब भारतीय सीमा के पास स्थित अपने हवाई अड्डों पर परमाणु बमवर्षक विमानों में घातक मिसाइलें तैनात कर दी हैं.
अमेरिकी रक्षा साइट द ड्राइव ने ओपन सोर्स इंटेलिजेंस विशेषज्ञों की मदद से कहा कि पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में गलवान घाटी हिंसा (Galwan Valley Violence) के बाद चीन और भारत की सैन्य स्थिति में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है. खासकर चीन ने अब अपने हवाई अड्डों में बहुत तेजी से निवेश करना शुरू कर दिया है. चीन ने पिछले एक साल में अप्रत्याशित रूप से भारतीय सीमा पर विमानन गतिविधियां तेज कर दी हैं. इसके अलावा चीन ने जमीन से हवा में मार गिराने की अपनी ताकत में कई गुना बढ़ाया है.
अरुणाचल प्रदेश की सीमा के पास बेस बना रहा है चीन
सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि चीन अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) की सीमा के पास नया अक्साई चिन बेस, हेलीपैड और रेल लाइन बना रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन द्वारा की जा रही ये तैयारी रक्षात्मक नहीं है. बल्कि इसका रणनीतिक प्रभाव बहुत खतरनाक हो सकता है. रक्षा विशेषज्ञों ने कहा कि चीन ने तिब्बत और शिनजियांग प्रांत में अपनी पश्चिमी सीमा पर सैन्य बुनियादी ढांचे में तेजी से वृद्धि की है. इसमें चीन की एयर पावर बढ़ाने पर फोकस किया गया है.
चीनी वायुसेना के आकार को बढ़ाने पर केंद्रित है चीन का ध्यान
2017 में डोकलाम में हुए गतिरोध के बाद चीन की गतिविधियों में इजाफा हुआ है. उसने पिछले साल से ही नए सैन्य अड्डे तैयार किए हैं. साथ ही मौजूदा सैन्य ठिकानों का तूफानी गति से आधुनिकीकरण किया गया है. चीन ने अपने पश्चिमी प्रांतों में कई नए रनवे बनाए हैं. इसके अलावा, बीजिंग (Beijing) का ध्यान चीनी वायुसेना (Chinese Air Force) के आकार को बढ़ाने पर केंद्रित रहा है. चीन ने ऐसे कई ढांचे तैयार किए हैं, जिन्हें भारत के द्वारा किए गए हवाई हमले के दौरान नष्ट करना आसान नहीं होने वाला है. चीन ने अब भारतीय सीमा को लेकर अपनी तैयारियों को हाई अलर्ट पर रखा है.
पश्चिमी सीमा पर इकट्ठा की गई चीनी ताकत का अंदाजा लगाना मुश्किल
विशेषज्ञों ने कहा कि भारत और चीन के बीच बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच तिब्बत (Tibet) और शिनजियांग (Xinjiang) में अचानक बुनियादी ढांचे का विकास हो रहा है. चीन ने पश्चिमी सीमा पर कितनी ताकत इकट्ठी कर ली है, इसका फिलहाल अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है. भले ही इसकी तैयारी में समय लगता हो. इन सैन्य ठिकानों पर काम बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा निर्माण चीनी तैयारियों का अंत नहीं है, बल्कि इसका इरादा कुछ और ही है.