चीन ने BBC के प्रसारण पर लगाया प्रतिबंध, कोरोना और शिनजियांग पर गलत रिपोर्टिंग का लगाया आरोप
चीन और पश्चिमी देशों के बीच तनातनी बनी हुई है।
चीन और पश्चिमी देशों के बीच तनातनी बनी हुई है। इसी कड़ी चीन ने ब्रिटिश टेलीविजन चैनल बीबीसी वर्ल्ड न्यूज पर प्रतिबंध लगा दिया है। चीन के राष्ट्रीय रेडियो और टेलीविजन प्रशासन (एनआरटीए) ने गुरुवार को प्रतिबंध की घोषणा करते हुए कहा कि बीबीसी ने कोविड-19 और शिनजियांग को लेकर गलत रिपोर्टिंग की है। ड्रैगन ने यह भी कहा कि बीबीसी ने न्यूज के सत्य और निष्पक्ष होने की आवश्यक शर्त का भी उल्लंघन किया है।
बीबीसी का लाइसेंस किया गया निलंबित
एनआरटीए ने आरोप लगाया कि बीबीसी द्वारा प्रसारित की गई रिपोर्टों से चीन के राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचा है और उसकी राष्ट्रीय एकता भी कमजोर हुई है। बीबीसी चीन में प्रसारण करने वाले विदेशी चैनलों के आवश्यक शर्तों को पूरा नहीं करता है। ऐसे में चीन ने बीबीसी पर अगले साल तक प्रसारण के लिए आवेदन करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। पिछले 4 फरवरी को ब्रिटेन ने चीन के सरकारी मीडिया सीजीटीएन को अपने देश में प्रतिबंधित किया था, उसके बाद से इस बात की चर्चा थी कि चीन भी इसके प्रत्युत्तर में बीबीसी को प्रतिबंधित करेगा। प्रतिबंध के दौरान ब्रिटेन की जांच में पाया गया था कि सीजीटीएन के पास संपादकीय नियंत्रण का अभाव था। इसके अलावा इस चैनल का संबंध चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के साथ भी था।
ब्रिटिश विदेश मंत्री डॉमिनिक रैब ने गुरुवार को बीबीसी वर्ल्ड न्यूज़ चैनल पर प्रतिबंध लगाने के चीन के फैसले को अस्वीकार्य बताया और कहा कि इससे चीन के वैश्विक रुख को नुकसान पहुंचा है। रैब ने ट्विटर पर कहा कि चीन में बीबीसी वर्ल्ड न्यूज़ पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय चीन की मीडिया स्वतंत्रता की अस्वीकार्यता है। चीन ने दुनिया भर में मीडिया और इंटरनेट की स्वतंत्रता पर कुछ सबसे गंभीर प्रतिबंध लगाए हैं और यह ताजा कदम दुनिया की नजर में चीन की प्रतिष्ठा को धूमिल करेगा।
ब्रिटेन के बीबीसी प्रसारणकर्ता ने गुरुवार को प्रतिबंध लगाए जाने पर निराशा व्यक्त की है। बीबीसी के प्रवक्ता ने एक ईमेल में दिए बयान में कहा कि चीन अधिकारियों की इस कार्रवाई से हम निराश हैं। बीबीसी दुनिया का सबसे भरोसेमंद अंतरराष्ट्रीय समाचार प्रसारक है और दुनिया भर की स्टोरी को निष्पक्ष और बिना किसी डर या पक्ष के रिपोर्ट करता है।