चीन ने अरब सागर पर गड़ाए नजर, गुजरात तट के पास शुरू किया समुद्री सर्वे
गैस का बड़ा भंडार पता लगाया है लेकिन उनका यह दावा झूठा निकला।
दक्षिण चीन सागर पर कब्जा करने की फिराक में लगे चीनी ड्रैगन ने अब अपनी नजरें अरब सागर पर गड़ा दी हैं। अरब सागर में चीनी ड्रैगन की मदद उसका 'आर्थिक गुलाम' बन चुका पाकिस्तान कर रहा है। चीन और पाकिस्तान ने अरब सागर में भारत के गुजरात तट के पास सर्वे का काम शुरू किया है। पाकिस्तान को उम्मीद है कि कराची बंदरगाह के आसपास अरब सागर में उसे मुंबई हाई की तरह से गैस और तेल के बड़े भंडार मिल सकते हैं।
ओपन सोर्स इंटेलिजेंस @detresfa_ ने सैटलाइट तस्वीरों के आधार पर बताया कि चीन-पाकिस्तान ने मिलकर अरब सागर में शोध कार्य शुरू किया है। माना जा रहा है कि यह भूकंप का पता लगाने और तेल और गैस की खोज करने के लिए किया जा रहा है। कुछ इसी तरह का प्रॉजेक्ट साल 2019 में चीन और पाकिस्तान ने अरब सागर में अंजाम दिया था। चीन-पाकिस्तान के इस सर्वेक्षण के काम को चीन का अत्याधुनिक जहाज Haiyang Dizhi अंजाम दे रहा है।
चीनी जहाज गहरे समुद्र में भी ड्रिलिंग करने में सक्षम
साल 2019 में भी इसी जहाज ने सर्वेक्षण किया था। इस सर्वेक्षण दल में दोनों ही देशों के वैज्ञानिक शामिल हैं। यह जहाज समुद्र के अंदर ड्रिल करने में सक्षम है। यह जहाज 8 हजार समुद्री मील तक सर्वेक्षण कर सकता है। यह 75 मीटर लंबा और 15 मीटर चौड़ा है। यह चीन के सबसे आधुनिक शोध जहाजों में शामिल है। यह चीनी जहाज गहरे समुद्र में भी ड्रिलिंग करने में सक्षम है। इसमें ऐसे उपकरण लगे हैं जो समुद्र की सतह की जांच करने में सक्षम हैं।
इस सर्वे जहाज की मदद से चीन समुद्र के अंदर गैस और तेल का आसानी से पता लगा सकता है। पाकिस्तान की इमरान खान भारत के मुंबई हाई की तरह से कराची के पास तेल-गैस का भंडार तलाश करने में पूरी ताकत से जुटी हुई है। उसने दर्जनों बार खुदाई की है लेकिन उसके सारे प्रयास विफल रहे हैं। पाकिस्तान ईरान के तट के पास भी बड़े पैमाने पर ड्रिलिंग कर रहा है लेकिन उसे कामयाबी हाथ नहीं लगी है। इससे पहले इमरान खान ने दावा किया था कि कराची तट के पास तेल और गैस का बड़ा भंडार पता लगाया है लेकिन उनका यह दावा झूठा निकला।