चीन ने मालवाहक यान को अंतरिक्ष में अपना स्थायी स्टेशन बनाने के लिए हुआ रवाना
तब चीन का तियान्हे अकेला अंतरिक्ष स्टेशन रह जाएगा.
अंतरिक्ष में अपनी मौजूदगी बढ़ाने के लिए चीन लगातार आगे बढ़ रहा है (China Moon Missions). अब उसके हाथ एक और बड़ी सफलता लग गई है. चीन ने शनिवार को एक मालवाहक अंतरिक्षयान को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है, जो देश के नए अंतरिक्ष स्टेशन 'तियान्हे' के लिए आपूर्ति और उपकरण लेकर गया है (China Space Station Name). चीन की अंतरिक्ष एजेंसी ने घोषणा करते हुए बताया कि 'तियानझोउ-2' नामक यान 'लॉन्ग मार्च-7 वाई 3' रॉकेट के जरिए रवाना हुआ है, जो अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचकर वहां आपूर्ति और उपकरण उपलब्ध कराएगा.
इस यान को तकनीकी खामी की वजह से एक सप्ताह की देरी से रवाना किया गया है. चीन ने 29 अप्रैल को अपने अंतरिक्ष स्टेशन के मुख्य मॉड्यूल को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया था, जिसका उद्देश्य अगले साल के अंत तक प्रतिष्ठान का निर्माण पूरा करने का है. चीन को इस बात की उम्मीद है, वह साल 2022 तक अपना नया अंतरिक्ष स्टेशन बना लेगा. इस समय अंतरिक्ष में केवल एक ही स्पेस स्टेशन है (China Space Station Launch Date). जो पृथ्वी की कक्षा यानी ऑरबिट में स्थित है. इसका नाम इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन है. सबसे बड़ी बात ये है कि इसमें चीन को शामिल नहीं किया गया है.
क्या है चीन की योजना?
चीन और रूस की ओर से इस बात का ऐलान किया गया था कि वह मिलकर अंतरिक्ष में स्थायी स्टेशन बनाएंगे. चीनी अंतरिक्ष योजनाओं के जानकार चेन लेन ने एएफपी को बताया था कि रूस और चीन का एक साथ आना योजना के लिए बड़ी बात है. रूस भी हाल के समय में इस क्षेत्र में चीन और अमेरिका से पीछे रह गया है (China Space Station on the Moon). चीन अंतरिक्ष योजनाओं को पूरा करने के लिए अच्छे खासे पैसे भी लगा रहा है. इस क्षेत्र में उसकी शुरुआत देरी से हुई थी लेकिन अब तक वो कई बड़ी सफलता हासिल कर चुका है.
2003 में भेजा अंतरिक्षयात्री
चीन ने साल 2003 में अपने अंतरिक्षयात्री को ऑर्बिट में भेजा था. वह ऐसा करने वाला दुनिया का तीसरा देश था. इससे पहले ये सफलता केवल अमेरिका और पूर्व सोवियत संघ के नाम ही थी. साल 2022 तक चीन इसी तरह के 10 और मॉड्यूल लॉन्च करेगा. जो पृथ्वी का चक्कर लगाएंगे (Does China Have Their own Space Station). इस समय पृथ्वी की कक्षा में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन चक्कर लगा रहा है. इस अंतरिक्ष स्टेशन का हिस्सा अमेरिका के अलावा रूस, कनाडा, यूरोप और जापान हैं. हालांकि चीन को इसमें शामिल करने पर रोक लगा दी गई थी. लेकिन ये 2024 में काम करना बंद कर देगा. तब चीन का तियान्हे अकेला अंतरिक्ष स्टेशन रह जाएगा.