कोरोना वैक्सीन की गुणवत्ता को लेकर भिड़े चीन और पश्चिमी देश

चीन से फैला कोरोना एक साल बाद भी दुनिया में तबाही मचा रहा है।

Update: 2021-01-28 03:36 GMT

चीन से फैला कोरोना एक साल बाद भी दुनिया में तबाही मचा रहा है। वहीं चीन की टीका कूटनीति उसी पर भारी पड़ रही है। टीके की गुणवत्ता पर चीन के साथ अमेरिका व यूरोपीय देशों के बीच अंदरूनी युद्ध शुरू हो गया है।

अमेरिकी अखबार में छपी एक रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि चीन में बना टीका फाइजर और मॉडर्ना के टीके के बराबर प्रभावी नहीं है। ब्राजील और तुर्की ने टीके की आपूर्ति की धीमी रफ्तार के लिए चीन से शिकायत दर्ज कराई है। दोनों देशों के बीच टीकों की गुणवत्ता पर चल रही लड़ाई अभी खबरों तक सीमित है।
चीन में निर्मित टीके के लिए करीब 24 से अधिक देश अनुबंध कर चुके हैं। इसमें ज्यादातर निम्न और मध्यम आय वाले देश हैं। अमीर देश फाइजर और मॉडर्ना के टीके के इस्तेमाल पर जोर दे रहे हैं। चीन का कहना है कि उसके टीके को लेकर जो भ्रामक खबरें पश्चिमी देशों में चलाई जा रही हैं। वह अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की चीन विरोधी गतिविधि का हिस्सा है।
चीन भी कर रहा खबरों से पलटवार
पश्चिमी देशों में चीन के टीके की हो रही आलोचना का जवाब चीन भी अपनी तरफ से खबरों के जरिए पलटवार कर रहा है। चीन अमेरिकी कंपनियों के टीके से हुई मौतों या दुष्प्रभाव की खबरों को प्रमुखता से छाप रहा है। जर्मनी और नॉर्वे में फाइजर के टीके से हुई मौतों को चीन खबरों के साथ वीडियो संदेशों के जरिए यह बता रहा है कि कैसे पश्चिमी देशों में तैयार टीके जान पर भारी पड़ रहे हैं। शरीर को किस तरह उनसे नुकसान हो रहा है।
जर्मनी में मौतों की जांच क्यों नहीं चीन
चीन के टीवी चैनल सीजीटीएन के एंकर लिए शिन एक ट्वीट में पूछा पश्चिमी मीडिया ने टीके से जर्मनी में हुई मौतों की पड़ताल क्यों नहीं की है। इस ट्वीट को चीन के विदेश मंत्रालय ने रि ट्वीट किया। चीन के सीडीसी प्रमुख जॉर्ज गाओ ने अमेरिकी कंपनियों के टीके की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए कहा कि इन कंपनियों ने नए तरीके से टीका बनाया जबकि चीनी कंपनियों ने पारंपरिक विधि से टीका तैयार किया है।
साइनोवाक टीके की हर तरफ आलोचना
अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, फिलीपींस के कुछ सांसदों ने चीन से टीका खरीदने के सरकार के फैसले की आलोचना की है। उधर चीनी कंपनी ने सायनोवाक से टीका खरीदने का अनुबंध करने के बाद मलयेशिया और सिंगापुर के अधिकारियों को अपनी जनता को यह भरोसा देना पड़ा कि चीन के टीके को लगाने की मंजूरी तभी दी जाएगी जब उसके सुरक्षित और प्रभावी होने की पुष्टि हो जाएगी।
परीक्षण के आंकड़े को लेकर घिरा बीजिंग
पश्चिमी देशों ने चीन के टीके के परीक्षण से जुड़े आंकड़ों को लेकर उसे घेरा है। ब्रिटिश पत्रिका द इकॉनमिस्ट से जुड़ी एजेंसी के सर्वे के अनुसार, लोगों में सबसे ज्यादा संदेश चीन के टीके को लेकर है। इससे यह साफ है कि पश्चिमी देशों में चीन के टीके को लेकर गहरा संदेह है। इसके बावजूद एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में चीनी टीके की बहुत मांग है। इसी कारण टीके की आपूर्ति की रफ्तार धीमी है, जिससे वहां असंतोष पैदा हुआ है।


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