अंतरिक्ष में चीन और रूस बनाएंगे बेस, कहा- हर मुल्क के लिए खुले होंगे इसके दरवाजे

वे भविष्य में चीन के चांग-7 और रूस के लूना 27 मिशनों पर सहयोग करने की योजना भी बना रहे हैं, जिसका उद्देश्य चांद के दक्षिणी ध्रुव का सर्वे करना है.

Update: 2021-03-11 05:20 GMT

चीन (China) और रूस (Russia) संयुक्त रूप से चांद पर स्पेस स्टेशन (Lunar Space Station) बनाएंगे. दोनों मुल्कों ने इसके लिए हामी भरी और कहा कि ये सभी मुल्कों के लिए खुला होगा. 'चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन' (China National Space Administration) ने एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है. दोनों देशों के स्पेस एजेंसियों के प्रमुखों ने अपनी-अपनी सरकरों की तरफ से एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है.

चीन की अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, चीन और रूस अंतरिक्ष विज्ञान, शोध और विकास के अपने अनुभवों के साथ-साथ अंतरिक्ष उपकरण और अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी के संयुक्त प्रयोग से एक रोडमैप तैयार करेंगे. इस रोडमैप के जरिए 'इंटरनेशनल लूनर रिसर्च स्टेशन' (ILRS) का निर्माण किया जाएगा. रूस की अंतरिक्ष एजेंसी Roscosmos ने अपने बयान में कहा, दोनों संगठनों ने सभी इच्छुक देशों और अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के लिए एक खुली पहुंच वाले ILRS के निर्माण पर सहयोग को बढ़ावा देने की योजना बनाई है.
चांद की सतह या उसके ऑर्बिट में किया जाएगा स्पेस स्टेशन का निर्माण
Roscosmos ने कहा कि इसका लक्ष्य अनुसंधान सहयोग और बाहरी स्थान की खोज एवं उपयोग को बढ़ावा देते हुए मानव जाति के हितों में शांतिपूर्ण उद्देश्यों की पूर्ति करना है. रूसी स्पेस एजेंसी के बयान के मुताबिक, स्पेस स्टेशन एक जटिल प्रायोगिक और रिसर्च फैसिलिटी वाला होगा. इसका निर्माण चांद की सतह या उसके ऑर्बिट में किया जाएगा. इस स्टेशन पर बनी फैसिलिटी को कई सारे रिसर्च की एक श्रृंखला के लिए डिजाइन किया जाएगा. इससे चांद पर लंबे समय तक मानव रहित ऑपरेशन को चलाने जैसे काम किए जा सकेंगे.
चांद के दक्षिणी ध्रुव का सर्वे भी करेंगे दोनों मुल्क
चीन और रूस अब स्टेशन को डिजाइन करने, विकसित करने और संचालित करने के लिए एक रोड मैप पर काम करेंगे. साथ ही विश्व अंतरिक्ष समुदाय के लिए इसके प्रेजेंटेशन की योजना बनाएंगे. दोनों देशों ने संयुक्त रूप से चांद और गहरे अंतरिक्ष की खोज के लिए एक डाटा सेंटर बनाने के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं. वे भविष्य में चीन के चांग-7 और रूस के लूना 27 मिशनों पर सहयोग करने की योजना भी बना रहे हैं, जिसका उद्देश्य चांद के दक्षिणी ध्रुव का सर्वे करना है.


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