चीन ने फिर हासिल की बड़ी सफलता, 20 सेकंड में बाहर फेंकता है इतनी तेज रोशनी
आपको बता दें कि असली सूर्य का तापमान 15 मिलियन डिग्री सेल्सियस है
टेक्नोलॉजी के मामले में चीन का जवाब नहीं है. अमेरिका, रूस और जापान जैसे देशों को तकनीक के मामले में पछाड़कर चीन अब अंतरिक्ष की दुनिया में भी तेजी से कदम बढ़ा रहा है. अब चीन के वैज्ञानिकों ने कृत्रिम सूरज परमाणु संलयन रिएक्टर को सफलतापूर्वक कर दुनिया में दूसरे सूरज के दावे को सच कर दिखाया है. चीन का दावा है कि ये ऐसा परमाणु फ्यूजन है, जो असली सूरज से कई गुना ज्यादा ऊर्जा देगा. चीन अपने इस दावे की ओर एक कदम और बढ़ा चुका है और इस एक्सिपेरिमेंटल रिएक्टर से 120 मिलियन डिग्री सेल्सियस की ऊष्मा पैदा हुई है.
ये प्रयोग चीन के अन्हुई प्रांत (Anhui Province) की राजधानी हेफ्यू (Hefeu) में किया गया. प्रोजेक्ट के डायरेक्टर सॉंग युंताओ (Song Yuntao) ने बताया है कि ये चीन की फिज़िक्स और इंजीनियरिंग में बड़ी सफलता है. इस प्रयोग की सफलता ये तय करती है कि चीन जल्द ही अपना न्यूक्लियर फ्यूजन एनर्जी स्टेशन तैयार कर लेगा.
चीन ने हासिल की बड़ी सफलता
चीन के इस प्रयोग में 160 मिलियन डिग्री का तापमान और ऊष्मा पैदा हुई, हालांकि ये सिर्फ 20 सेकेंड के लिए था. इसे पावर सोर्स की तरह इस्तेमाल करने के लिए रोशनी का देर तक टिकना बेहद ज़रूरी है. अभी चीन ने इसे फिसन यानि विखंडन का इस्तेमाल करके एटॉमिक एनर्जी क्रिएट की है. अगर वो प्रोजेक्ट में अगले कदम के तौर फ्यूजन रिएक्शन का इस्तेमाल करेगा तो ऊर्जा चार गुना ज्यादा पैदा होगी. हालांकि ये काम मुश्किल है क्योंकि फ्यूजन रिएक्शन को पिघलाना आसान नहीं होता. चीन अगर इसमें सफलता हासिल करता है तो ये फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता कम करेगा और क्लीन एनर्जी का उत्पादन होगा.ये भी पढ़ें - 5 हजार में बिक रही है 'बेइज्जत' करने वाली जींस, पहनते ही घूर-घूरकर देखने लगेंगे लोग
असल सूर्य की तुलना में 10 गुना ज्यादा गर्म होगा कृत्रिम सूर्य (Artificial Sun)
चीन की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत वर्ष 2006 में की थी. चीन ने कृत्रिम सूरज को एचएल-2एम (HL-2M) नाम दिया है, इसे चाइना नेशनल न्यूक्लियर कॉर्पोरेशन के साथ साउथवेस्टर्न इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिक्स के वैज्ञानिकों ने मिलकर बनाया है. प्रोजेक्ट का उद्देश्य प्रतिकूल मौसम में भी सोलर एनर्जी को बनाना भी है. परमाणु फ्यूजन की मदद से तैयार इस सूरज का नियंत्रण भी इसी व्यवस्था के जरिए होगा. चीन इस प्रोजेक्ट के जरिये 150 मिलियन यानि 15 करोड़ डिग्री सेल्सियस का तापमान जेनरेट होगा. पीपुल्स डेली के मुताबिक, यह असली सूरज की तुलना में दस गुना अधिक गर्म है. जैसा कि चीन के प्रयोग में उत्पन्न हुआ है. आपको बता दें कि असली सूर्य का तापमान 15 मिलियन डिग्री सेल्सियस है