चीन ने स्वीकारा- भारतीय जवानों से घिर गया था चीनी कमांडर
झड़प के दौरान इसके चार जवान मारे गए थे.
चीन (China) ने इस बात को स्वीकार किया है कि पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) की गलवान घाटी (Galwan Valley Clash) में भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों को घेर लिया था. इतना ही नहीं, चीन ने पांच महीने बाद गलवान घाटी में मारे गए अपने जवानों की संख्या की नई जानकारी दुनिया को दी है. चीन ने कहा है कि भारतीय जवानों से झड़प में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के चार नहीं बल्कि पांच जवान मारे गए थे. गौरतलब है कि फरवरी में पहली बार चीन ने इस बात को स्वीकार किया था कि पिछले साल जून में गलवान घाटी में हुई झड़प के दौरान इसके चार जवान मारे गए थे.
गलवान घाटी के में हुई झड़प की नई जानकारी साझा करते हुए चीनी से सरकारी मीडिया शिन्हुआ ने सोमवार को रिपोर्ट दी कि गलवान में कई जवानों को घेर लिया गया था, जिसमें रेजीमेंट कमांडर क्यू फैबाओ (Qi Fabao) भी शामिल थे. ग्लोबल टाइम्स ने शिन्हुआ की रिपोर्ट के आधार पर बताया कि ये रिपोर्ट इस बात पर केंद्रित थी कि कैसे चेन होंगजुन (Chen Hongjun) सहित चीनी अधिकारियों और जवानों ने 2020 में हुए गलवान झड़प में अपनी जान गंवाई.
चार चीनी जवानों के साथ चेन होंगजुन ने भी गवाई थी झड़प में जान
इसमें कहा गया है कि 33 वर्षीय बटालियन कमांडर चेन होंगजुन ने जून 2020 में गलवान घाटी में भारत के साथ सीमा पर टकराव के लिए अपने चार अन्य साथियों के साथ अपने जीवन का बलिदान दिया. ये सभी लोग पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के शिनजियांग सैन्य कमान के साथ काराकोरम पर्वत (Karakoram Mountains) पर तैनात थे. बता दें कि चीन में एक बटालियन कमांडर भारतीय सेना में एक बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर के समान रैंक का होता है.
चीन के दावे से अधिक चीनी जवानों की हुई मौत
इस साल फरवरी में चीन ने पहली बार स्वीकार किया था कि झड़प में चार PLA सैनिक मारे गए थे. चीन द्वारा ये ऐसे समय में स्वीकार किया गया, जब भारत और चीन पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी और उत्तरी किनारे से पीछे हट रहे थे. हालांकि, भारतीय रक्षा और सुरक्षा सूत्रों का मानना है कि मरने वालों की संख्या चीन द्वारा आधिकारिक तौर पर किए गए दावे से कहीं अधिक है. ऐसा इसलिए क्योंकि भारत के साथ विभिन्न स्तरों की बातचीत के दौरान, चीनी अधिकारियों ने अनौपचारिक रूप से गलवान हिंसा में मारे गए सैनिकों के विरोधाभासी आंकड़े दिए.
भारतीय सैनिकों ने चीनी जवानों को घेरा था
चेन होंगजुन पर ध्यान केंद्रित करते हुए, रिपोर्ट में कहा गया है कि जब रेजिमेंट कमांडर क्यूई फैबाओ को युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों ने घेर लिया, तो चेन होंगजुन अन्य सैनिकों को अपने साथ ले गया और आगे बढ़ गया ताकि चीनी सैनिक भारतीय जवानों से लाठी और पत्थरों से लड़ सकें. चेन ने अपने शरीर को ढाल बनाकर कमांडर को बचाया. जब चेन ने देखा कि कई अन्य चीनी सैनिक घिरे हुए हैं, तो चेन फिर से युद्ध के मैदान में कूद पड़ा. बता दें कि इस घटना में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे.