बेंगलुरु के डिटेंशन सेंटर में बंद महिला को जारी किया नागरिकता प्रमाणपत्र, कतर से प्रेमी संग पहुंची थी भारत

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने भारत की जेल में बंद एक महिला को अपनी चार साल की बेटी के साथ देश लौटने का मार्ग साफ करते हुए नागरिकता प्रमाणपत्र जारी किया है।

Update: 2022-02-19 00:45 GMT

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने भारत की जेल में बंद एक महिला को अपनी चार साल की बेटी के साथ देश लौटने का मार्ग साफ करते हुए नागरिकता प्रमाणपत्र जारी किया है। डॉन अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, गृह मंत्री शेख राशिद अहमद ने गुरुवार को कहा कि उनके मंत्रालय ने सुमैरा के लिए नागरिकता प्रमाणपत्र जारी किया है, जो बेंगलुरू के एक डिटेंशन सेंटर में है।

कतर से प्रेमी संग पहुंची थी भारत

उन्होंने कहा कि प्रमाणपत्र विदेश मंत्रालय को भेज दिया गया है और नई दिल्ली में पाकिस्तान का उच्चायोग उन्हें एक यात्रा दस्तावेज जारी करेगा, जिससे महिला को अपनी बेटी के साथ पाकिस्तान लौटने की अनुमति मिल जाएगी। उनका मामला सोमवार को पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सीनेटर इरफान सिद्दीकी ने सीनेट में उठाया था।

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक कतर की रहने वाली सुमैरा ने एक भारतीय लड़के से शादी की जो उसे बिना वीजा के भारत ले गया। बाद में सुमैरा को गिरफ्तार कर लिया गया और तीन साल जेल की सजा सुनाई गई। दो महीने बाद उसने एक बच्ची को जन्म दिया। हिरासत में रहने के दौरान उसका पति उसे छोड़कर चला गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि जेल से छूटने के बाद सुमैरा अपनी बेटी के साथ बेंगलुरु के एक डिटेंशन सेंटर में रह रही है।

इस बीच, बेंगलुरू के जेल अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें भारत सरकार या पाकिस्तान के अधिकारियों से सुमैरा को पाकिस्तानी नागरिकता जारी करने के बारे में अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है।


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