चीन के निशाने पर कैथलिक चर्च, दर्जनों पादरी गिरफ्तार
चीन के निशाने पर कैथलिक चर्च
चीन में अल्पसंख्यक मुस्लिम उइगर समुदाय को कुचले जाने के बाद अब उसके निशाने पर ईसाई समुदाय के धार्मिक स्थल कैथलिक चर्च हैं। जब से शी चिनफिंग ने देश की सत्ता संभाली है तब से लेकर अब तक लगभग 1500 चर्च भवनों को ढहा दिया गया है। इतना ही नहीं, फरवरी 2018 में 18 वर्ष से कम आयु के लोगों को चर्च में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई। कैथलिक चर्चो को कुचलने के लिए बीते कुछ माह के दौरान चीन पुलिस ने दर्जनों पादरियों को गिरफ्तार किया है।
चीन सरकार ईसाई धार्मिक गतिविधियों को बदनाम कर रही
कोलंबो गजट में प्रकाशित इंडिका श्री अरविंदा की रिपोर्ट के मुताबिक चीन देश के कैथलिक चर्चो को या तो नष्ट कर रहा है अथवा उन्हें बदनाम कर रहा है। यह अभियान हुबेई, हेनान, गुझिआउ, शांक्सी तथा शैंडांग प्रांतों सहित लगभग पूरे देश में चल रहा है। चीन सरकार ईसाई धार्मिक गतिविधियों को बदनाम कर रही है। बाइबल का या तो गलत तरीके से अनुवाद किया जा रहा है अथवा उसकी गलत व्याख्या की जा रही है।
चिनफिंग ने ईसाई समुदाय की धार्मिक गतिविधियों को देश की सरकार के लिए खतरा बताया था
वर्ष 2017 में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने ईसाई समुदाय की धार्मिक गतिविधियों को देश की सरकार के लिए खतरा बताया था और कहा था कि वे साम्यवाद विचारधारा से मेल नहीं खाती हैं। चिनफिंग ने कहा था कि उन्हें चीन की विचारधारा के अनुरूप होना चाहिए। रिपोर्ट के मुताबिक यद्यपि चीनी संविधान में आधिकारिक तौर पर कहने को तो लोगों को धार्मिक स्वतंत्रता की बात है, लेकिन धार्मिक समुदाय को सरकार में अपना पंजीकरण कराना होता है। इनकी निगरानी चीन कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से की जाती है।
अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए जाने चाहिए
रिपोर्ट में कहा गया कि चीनी सरकार को यह महसूस करना चाहिए कि वह लोगों के विविध धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को अपनाकर ही राष्ट्रीय एकता और एकीकरण प्राप्त कर सकती है। इसलिए, अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए जाने चाहिए और उन्हें अपनी धार्मिक परंपराओं के अनुसार जीने में सक्षम बनाना चाहिए।