इजरायल में झील से निकाले जा रहे हैं सारसों के शव, 5000 की मौत
मोशव इजरायल में खपत होने वाले सभी अंडों का सात फीसदी प्रदान करता है.
इजरायल (Israel) में एवियन फ्लू के प्रकोप (Avian Flu Outbreak) को रोकने की कोशिश की जा रही है. हुला नेचर रिजर्व में पांच हजार से अधिक प्रवासी सारस पक्षियों की पहले ही मौत हो चुकी है. पर्यावरण मंत्री तामार जैंडबर्ग ने इस घटना को इजरायल के इतिहास में वन्यजीवों के लिए सबसे बुरा झटका करार दिया है. स्थानीय किसानों को पांच लाख मुर्गियों को मारने को मजबूर होना पड़ रहा है. इस वजह से अंडे की कमी भी देखने को मिल सकती है. अब तक इंसानों में A(H5N1) वायरस (A(H5N1) virus) के फैलने की कोई जानकारी नहीं मिली है. लेकिन इस खतरे को लेकर तैयारियां की जा रही हैं.
हालांकि, प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट (Naftali Bennett) ने अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और अन्य विशेषज्ञों से मुलाकात की. इस मुलाकात में एवियन फ्लू को फैलने से रोकने के प्रयासों को लेकर चर्चा की गई. वहीं, जो लोग संक्रमित पक्षियों के निकट संपर्क में आए हैं, उन्हें प्रीवेंटिव ट्रीटमेंट दिया जा रहा है. हालांकि, पक्षियों से इंसानों में वायरस के फैलने की घटना बेहद दुर्लभ है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, 2003 से दुनियाभर में एवियन फ्लू वायरस (Avian Flu Virus) की वजह से 456 लोगों की मौत हुई है. यही वजह है कि इजरायल अब तेजी से कदम उठा रहा है.
झील से निकाले जा रहे हैं सारसों के शव
इजरायल नेचर एंड पार्क्स अथॉरिटी द्वारा प्रकाशित तस्वीरों में अन्य वन्यजीवों को संक्रमित होने से बचाने के लिए हुला झील (Hula Lake) से मृत सारसों को निकाला जा रहा है. कर्मचारियों को सुरक्षात्मक सूट पहनकर सारसों को निकालते हुए देखा गया. अथॉरिटी ने ये भी बताया कि आसपास के हुला घाटी (Hula Valley) में 250 सारसों के अवशेष देखे गए और देश में 30 बीमार सारसों का पता चला. हुला नेचर रिजर्व में सर्दियों में यूरोप से आए हजारों सारसों का नजारा आमतौर पर पक्षी देखने वालों के लिए एक खुशी की बात होती है. लेकिन एवियन फ्लू की वजह से अब इसे पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है.
अंड़ों की कमी होने का खतरा
एवियन फ्लू के वायरस प्रवासी जलपक्षी में स्वाभाविक रूप से होते हैं, जो जल्दी लक्षण विकसित नहीं करते हैं. घरेलू पक्षी अधिक संवेदनशील होते हैं और एक बार वायरस पक्षियों के झुंड में फैल जाता है, तो सभी पक्षियों की हत्या करनी पड़ी है. इसके पीछे की वजह बाकी के पक्षियों को संक्रमित होने से बचाना है. इजरायली मीडिया ने बताया कि मोशव मार्गिलियोट में पांच लाख से अधिक अंडे देने वाली मुर्गियों की हत्या की गई है, ताकि वायरस को फैलने से रोका जा सके. इस वजह से अंडों की कमी होने का खतरा पैदा हो गया है, क्योंकि मोशव इजरायल में खपत होने वाले सभी अंडों का सात फीसदी प्रदान करता है.