कनाडा। हेल्थ कनाडा ने समलैंगिक पुरुषों के रक्तदान (Blood Donation) करने पर से प्रतिबंध हटा दिया है. प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin trudeua) ने इस कदम को सभी कनाडाई लोगों के लिए अच्छी खबर बताते हुए कहा कि इसमें हालांकि काफी समय लग गया. ट्रूडो ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रतिबंध 10-15 वर्ष पहले हटा दिया जाना चाहिए था. शोध में यह बात सामने आई थी कि इससे रक्त आपूर्ति की सुरक्षा पर कोई असर नहीं पड़ेगा, तब भी पिछली सरकारों ने यह कदम नहीं उठाया.कनाडा (Canada) में ट्रूडो ने कहा कि रक्त दान संबंधी नियम बदलने के सुरक्षा पहलुओं पर शोध करने के लिए उनकी सरकार ने 39 लाख डॉलर खर्च किए हैं और कई वैज्ञानिक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि हमारी रक्त आपूर्ति सुरक्षित बनी रहेगी.
कनैडियन ब्लड सर्विसेज ने हेल्थ कनाडा से उस नीति को खत्म करने का अनुरोध किया था, जिसके तहत समलैंगिक यौन संबंध बनाने के तीन महीने तक समलैंगिकों के रक्त दान करने पर प्रतिबंध था. हेल्थ कनाडा ने उसके अनुरोध पर गौर करते हुए अब यह प्रतिबंध हटा दिया है.हेल्थ कनाडा, कनाडा सरकार का एक विभाग है जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीतियों से जुड़े फैसले करता है. यह नीति 1992 में लागू की गई थी. एक रक्त घोटाले के बाद समलैंगिक पुरुषों द्वारा रक्तदान करने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया था. हालांकि, बाद में रक्तदान संबंधी नियमों में कई बदलाव किए गए, 2019 में इस प्रतिबंध की अवधि घटाकर तीन महीने कर दी गई थी.
वहीं कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने यूक्रेन के अलगाववादी डोनबास क्षेत्र के लुहान्स्क और डोनेट्स्क की पीपुल्स काउंसिल के 11 वरिष्ठ अधिकारियों और 192 अन्य सदस्यों पर नए प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है.मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कनाडा यूक्रेन की धरती से रूसी सेना की तत्काल वापसी का आह्वान करता रहा है और ये उपाय रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर और दबाव डालेंगे. 2014 से, कनाडा ने 1,400 से अधिक व्यक्तियों और संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाए हैं.
इनमें से कई प्रतिबंध कनाडा के सहयोगियों और भागीदारों के साथ तालमेल कर लगाए गए हैं. कनाडा के ताजा प्रतिबंध ने सूचीबद्ध व्यक्तियों और संस्थाओं पर संपत्ति फ्रीज और प्रतिबंध लगाये हैं. बता दें कि 24 फरवरी से जब रूस ने यूक्रेन पर अपना आक्रमण शुरू किया, कनाडा ने लगभग 1,000 व्यक्तियों और संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाए हैं.वहीं दक्षिण कोरिया की सर्वोच्च अदालत ने दो समलैंगिक सैनिकों पर सुनाए गए मिलिट्री कोर्ट के फैसले को पलट दिया है. यह केस सेना के दो अधिकारियों- एक आर्मी लेफ्टिनेंट और एक सार्जेंट से जुड़ा था. दोनों अलग-अलग यूनिट में थे.