क्या गांजा बचा सकता है कोरोना संक्रमित मरीजों की जान?

कोरोना संक्रमित मरीजों की जान बचने के लिए गांजा कितना कारगर है, जानिए

Update: 2021-01-20 13:10 GMT

 जनता से रिश्ता वेबडेसक| कनाडा की लेथब्रिज यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च में सामने आया है कि गांजे में मौजूद तत्व कोविड के गंभीर मरीजों की जान बचाने के काम आ सकते हैं.

टोरंटो. दुनिया भर के वैज्ञानिक इस वक़्त कोरोना संक्रमण (Coronavirus) से बचाव और उसका इलाज ढूंढने में जुटे हुए हैं. अब एक कनाडा की एक यूनिवर्सिटी ने दावा किया है कि गांजे (Cannabis sativa) के इस्तेमाल से कोरोना वायरस के प्रति सबसे अधिक खतरे में रहने वाले आयुवर्ग के लोगों और गंभीर बीमारों को मौत से बचाया जा सकता है. इस रिसर्च के मुताबिक शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए गांजा इस्तेमाल में लाया जा सकता है. कोरोना वायरस से गंभीर रूप से बीमार लोगों पर गांजा से मिले तत्वों का इस्तेमाल शुरू किया जा सकता है.
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा की लेथब्रिज यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च टीम ने दावा किया है कि इम्यून सिस्टम में खराबी की वजह से 'साइटोकाइन स्टॉर्म' नाम की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. इसमें वायरस के साथ-साथ शरीर के स्वस्थ सेल्स भी शिकार बन जाते हैं. कोविड के कई गंभीर मामलों में यही मौत की वजह भी बनता है. गांजे के पेड़ से मिले तत्व साइटोकाइन स्टॉर्म को रोक सकते हैं. उन्हें ऐसे स्ट्रेन मिले हैं जो इसे पैदा करने में मदद करने वाले दो केमिकल्स interleukin-6 (IL-6) और tumour necrosis factor alpha (TNF-a) की मात्रा को कम कर सकते हैं.

साइटोकाइन स्टॉर्म रोकना है बेहद ज़रूरी

बता दें कि महामारी की शुरुआत में ही मेडिकल जगत साइटोकाइन स्टॉर्म को रोकने के तरीके खोजने में जुट गया था. वायरस के शरीर से निकलने के बाद भी यह प्रक्रिया जारी रहती है और इससे अक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (ARDS) हो सकता है जिससे जान भी जा सकती है. इससे लंग फाइब्रोसिस हो सकता है जिससे फेफड़ों के टिशू खराब हो सकते हैं और काम करना बंद कर सकते हैं.

रिसर्चर्स ने गांजे के 200 से ज्यादा स्ट्रेन्स को देखने के बाद 7 पर स्टडी की. यह रिसर्च 'रिसर्च स्क्वेयर' में प्री-प्रिंट हुई है और अभी इसे पियर रिव्यू नहीं किया गया है. इस स्टडी में ऐसे तीन नए स्ट्रेन पाए गए हैं जबकि पहले की स्टडीज में भी ऐसे स्ट्रेन्स का पता चला है. इन स्ट्रेन्स को नंबर चार, आठ और चौदह कहा गया है. इन्हें ICU में भर्ती कोरोना वायरस के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए टेस्ट करने का प्लान है.


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