क्वाड को चार देशों के एक साथ काम करने की क्षमता वाला बताया, पहली बैठक में उडाया था मजाक

चूंकि चीन विकासशील देशों को मुफ्त में अपनी वैक्सीन देकर उन पर अहसान जता रहा है।

Update: 2021-08-08 11:06 GMT

वर्ष 2017 में क्वाड (अमेरिका, भारत, जापान और आस्ट्रेलिया) की पहली बैठक के समय चीन ने इसका उपहास किया था। लेकिन अब एक साल के अंदर ही चीन के लिए क्वाड चिंता का विषय बन गया है। मार्च, 2021 में जब क्वाड के शीर्ष नेताओं की पहली बैठक हुई तो चीन ने निष्कर्ष निकाला कि अगले एक साल में चीनी महत्वाकांक्षाओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती यही संगठन होगा।

क्वाड को चार देशों के एक साथ काम करने की क्षमता वाला बताया
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो एबी ने क्वाड को चार देशों के एक साथ काम करने की क्षमता वाला बताया है। विदेश मामलों की रिपोर्ट के मुताबिक क्वाड चीनी रणनीति के लिए एक नए किस्म की परेशानी है। बहुआयामी गठबंधन एक मकसद से एक हो रहे हैं। इस गठबंधन से हिंद-प्रशांत क्षेत्र की पूरी एक कड़ी मजबूत हो रही है। और भविष्य में यह क्षेत्र और सशक्त हो सकता है।
चीन के राष्ट्रपति का आत्ममंथन इस बात को जानने के लिए शुरू हो गया है कि क्वाड क्या इतने व्यापक स्तर पर चीन के खिलाफ प्रभावी संतुलन बना लेगा। इसके बाद यह फैसला होगा कि चीन वैश्विक प्रभुत्व पर कायम रह पाएगा या नहीं। फिलहाल चीनी विशेषज्ञों का मानना है कि क्वाड के सदस्य देश चीनी बाजार पर निर्भरता खत्म करने के लिए कवायद कर रहे हैं। लेकिन चीन भी क्वाड की चुनौती को प्रभावी जवाब देने में लगा हुआ है। विदेश मामलों की रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने सितंबर के अंत में भारत, जापान और आस्ट्रेलिया के शीर्ष नेताओं की पहली निजी तौर पर शामिल होने वाली बैठक प्रस्तावित की है। इस बैठक से हिंद और प्रशांत क्षेत्र के देशों के बीच चीन की वैक्सीन कूटनीति विफल होने की संभावना है। चूंकि चीन विकासशील देशों को मुफ्त में अपनी वैक्सीन देकर उन पर अहसान जता रहा है।


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