Bvmp ने बलूचिस्तान के लोगों के जबरन अपहरण, यातनाओं से परेशान, इस्लामाबाद में निकाला मार्च

पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों की दुर्दशा को एक बार फिर उजागर करते हुए,

Update: 2021-02-18 05:57 GMT

पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों की दुर्दशा को एक बार फिर उजागर करते हुए, एक अधिकार समूह - बलूच वॉयस ऑफ मिसिंग पर्सन्स (बीवीएमपी) ने बलूचिस्तान के लोगों के जबरन अपहरण, उनपर अत्याचार और उत्पीड़न के मुद्दे पर पाकिस्तानी एजेंसियों के खिलाफ इस्लामाबाद में विरोध प्रदर्शन किया।

पाकिस्तानी एक्शन के खिलाफ मंगलवार को करोड़ों प्रदर्शनकारी नारे लगाते और सेना द्वारा अवैध रूप से अपहृत किए गए अपने प्रियजनों को वापस लौटाने की मांग करते हुए सड़कों पर पहुंचे। इस्लामाबाद में विरोध प्रदर्शन पर बोलते हुए, बलूच पीड़ितों में से एक ने कहा, 'मैं बलूच की बेटी हूं। मेरा राजनीतिक या सामाजिक संगठन से कोई संबंध नहीं है। मैं भाषण देने के लिए बलूचिस्तान से यहां नहीं आई हूं। मैं नहीं कर सकती, बिना किसी कारण के देश की राजधानी में आने का खर्च। दुर्भाग्य से, मैं एक ऐसी पीढ़ी से संबंधित हूं, जिसने न केवल अत्याचार बल्कि इससे भी दुखद समय देखा है। आपने बोस्निया और फिलिस्तीन के बारे में सुना होगा लेकिन मैंने बलूचिस्तान को देखा है।'
उन्होंने आगे कहा, 'मैं यहां किसी एजेंडे को बढ़ावा देने नहीं आई हूं, मैं एक पीड़ित के रूप में यहां आई हूं। मेरे भाई और चचेरे भाई को एक साल हो गए हैं। 2001 से बलूचिस्तान में जातीय सफाई हो रही है। उन्होंने सिंधियों और पश्तूनों को भी नहीं छोड़ा है।'
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पीएमएल-एन के उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने बुधवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से बलूच लापता व्यक्तियों के रिश्तेदारों से बात करने का आग्रह किया था, जिन्होंने डी-चौक पर विरोध प्रदर्शन किया था। मरियम ने कहा- आपको सत्ता के लाया गया है। इन लोगों को सुनना तुम्हारा कर्तव्य है।
बता दें कि पाकिस्तान के कब्जे वाले बलूचिस्तान से लोगों का गायब होना एक गंभीर विष्य और लंबा इतिहास है। ऐसा सब सभ्य दुनिया और मानवाधिकार संगठनों की चुप्पी और बलूचिस्तान में मीडिया या अन्य माध्यमों की कमी होना है।


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