ड्रग्स तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग में ब्रिटिश भारतीय को 8 साल से ज्यादा की सजा
लंदन (आईएएनएस)| भारतीय मूल के एक आपराधिक सरगना को ड्रग्स तथा हथियारों की ऑनलाइन खरीद-फरोख्त के लिए आठ साल से अधिक की सजा सुनाई गई है। ब्रिटेन की नेशनल क्राइम एजेंसी ने बताया कि वह एक इंक्रिप्टेड कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म के माध्यम से यह धंधा करता था। दक्षिण पूर्व इंग्लैंड के सरे निवासी राज सिंह (45) वकास इकबाल (41) के साथ मिलकर क्लास ए ड्रग्स और हथियारों की खरीद-बिक्री करता था। उस पर मनी लॉन्ड्रिंग और केटामाइन की खेप कनाडा भेजने का भी आरोप था।
सिंह ने गिल्डफोर्ड क्राउन कोर्ट के सामने क्लास ए (कोकीन) और क्लास बी (केटामाइन) की आपूर्ति की साजिश तथा मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध स्वीकार कर लिए। एक अन्य मामले में उसने पुलिस पर हमला करने की बात भी स्वीकार की।
अदालत ने सिंह को आठ साल 10 महीने और इकबाल को 12 साल की कैद की सजा सुनाई।
एक महिला पुलिस अधिकारी को शारीरिक रूप से घायल करने के लिए 16 महीने की सजा भी इसमें शामिल है। सिंह ने एक पब में लड़ाई के दौरान पुलिस अधिकारी की टांगों पर लात मारी थी, जब पुलिस अधिकारी उसे रोकने की कोशिश कर रही थी।
एनसीए की जांच के अनुसार, दोनों अपराधी न सिर्फ क्लास ए ड्रग्स की खरीद और आपूर्ति के कई किलोग्राम के सौदों में शामिल थे, बल्कि डिक्रिप्ट किए गए संदेशों से पता चला कि अप्रैल 2020 में इकबाल क्रेडिट पर ली गई दवाओं के लिए 3,85,000 पाउंड चुकाने वाला था।
दोनों ने मार्च और मई 2020 के बीच कोकीन और हेरोइन की कई किलोग्राम की खेप का सौदा किया था। सिंह ने भी केटामाइन कनाडा भेजने की साजिश रची थी।
इन्क्रोचैट पर दोनों अपने असली नाम से नहीं बल्कि 'हैंडल' से जाने जाते थे। सिंह को सलमोनजेंट और इकबाल को घोस्टशूटर कहा जाता था।
इकबाल ने मार्च 2020 के अंत में इकबाल ने लंदन ई17 में एकेसिया रोड पर एक बैठक में एक व्यक्ति को 7.65 ब्राउनिंग के लिए गोला-बारूद की आपूर्ति की थी। एक सप्ताह बाद सिंह और इकबाल ने हथियार के बारे में चर्चा की जिसे इकबाल ने एक दीवार में छिपा कर रखा था।
अगले कुछ दिनों में 8 और 10 अप्रैल के बीच दोनों ने इंक्रोचैट पर एक व्यक्ति से 8,000 पाउंड में एक और हथियार खरीदने पर चर्चा की।
एनसीए संचालन प्रबंधक डीन वॉलबैंक ने कहा, हालांकि इकबाल और सिंह सिर्फ लंदन के इलाके में ही काम करते थे, लेकिन उनके आपराधिक संपर्क यूरोप के कई देशों में थे। दूसरे हाई एंड डीलरों की तरह इकबाल और सिंह भी काफी समाज के लिए काफी जहरीले और उसे काफी गंभीर नुकसान पहुंचाने वाले हैं।
वॉलबैंक ने कहा, जब तक वे पैसे कमाते रहे, तब तक उन्हें इस बात की परवाह नहीं थी कि बंदूकों और नशीले पदार्थों के कारण किस तरह का खून-खराबा हुआ।