ब्रिटेन की महारानी कैमिला ने जासूस नूर इनायत खान के चित्र का किया अनावरण

Update: 2023-08-30 15:54 GMT
लंदन। ब्रिटेन की महारानी कैमिला ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटेन के स्पेशल ऑपरेशंस एक्जीक्यूटिव (एसओई) के लिए अंडरकवर एजेंट के रूप में भारतीय मूल की जासूस और टीपू सुल्तान की वंशज नूर इनायत खान के योगदान का सम्मान करने के लिए यहां रॉयल एयर फोर्स (आरएएफ) क्लब में एक नए चित्र का अनावरण किया।
महारानी (76) ने मंगलवार को औपचारिक रूप से आरएएफ क्लब के एक कमरे का नाम ‘‘नूर इनायत खान कक्ष’’ रखा, जहां एक रंगीन कांच की खिड़की के सामने आरएएफ में योगदान देने वाली महिलाओं की तस्वीरें हैं, जिसका उद्घाटन उनकी सास तत्कालीन महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने 2018 में किया था। नूर आरएएफ की महिला सहायक वायु सेना (डब्ल्यूएएएफ) की सदस्य थीं, जब उन्हें 1942 में एसओई में भर्ती किया गया था और वह अत्यधिक खतरे की परिस्थितियों में विशिष्ट साहस के लिए जॉर्ज क्रॉस (जीसी) से सम्मानित डब्ल्यूएएएफ के दो सदस्यों में से एक बन गईं।
ब्रिटिश भारतीय लेखिका श्रबानी बसु ने अनावरण समारोह में महारानी को नूर की जीवनी ‘स्पाई प्रिंसेस: द लाइफ ऑफ नूर इनायत खान’ की एक प्रति भेंट की। बसु ने कहा, ‘‘आरएएफ क्लब में महारानी द्वारा नूर इनायत खान के चित्र का अनावरण करना गर्व का क्षण था।’’ मॉस्को में 1914 में भारतीय सूफी संत पिता और अमेरिकी मां के घर जन्मी नूर-उन-निसा इनायत खान, अपने स्कूल के वर्षों के लिए पेरिस में बसने से पहले कम उम्र में लंदन चली गईं।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान फ्रांस की हार बाद, वह इंग्लैंड चली गईं और डब्ल्यूएएएफ में शामिल हो गईं। उन्हें 1942 के अंत में, एसओई में भर्ती किया गया था-जिसे युद्ध के दौरान कब्जे वाले क्षेत्रों में जासूसी, विध्वंस गतिविधि और टोह लेने के लिए बनाया गया था। आरएएफ क्लब में नूर के नए चित्र का अनावरण उनके रिश्तेदारों की उपस्थिति में किया गया, जिनमें 95 वर्षीय चचेरे भाई शेख महमूद और भतीजे पीर जिया इनायत खान शामिल थे।
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