विश्वयुद्ध के दौरान भारत में सेवा दे चुके ब्रिटेन के सौ साल के कैप्टन मूर का कोरोना से निधन

ब्रिटिश सेना के सौ साल के पूर्व सैनिक और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 3.2 करोड़ पौंड का चंदा एकत्र करने वाले कैप्टन सर टॉम मूर

Update: 2021-02-03 02:03 GMT

ब्रिटिश सेना के सौ साल के पूर्व सैनिक और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 3.2 करोड़ पौंड का चंदा एकत्र करने वाले कैप्टन सर टॉम मूर की कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत हो गई है। उन्होंने सौ साल पूरे होने पर अपने बगीचे में चहलकदमी करते और महारानी एलिजाबेथ द्वितीय से मुलाकात करके चैरिटी के लिए धन जुटाया कर अपार ख्याति पाई थी।

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारत में सेवारत थे कैप्टन मूर
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारत में सेवारत रहे कैप्टन सर टॉम मूर को सांस लेने में तकलीफ होने के बाद इसी रविवार को पूर्वी इंग्लैंड के बेडफोर्ड अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी बेटी हन्ना एनग्राम मूर ने बताया कि पिछले कुछ हफ्तों से उनका न्यूमोनिया का इलाज चल रहा था और पिछले ही हफ्ते उन्हें कोविड-19 के टेस्ट में पॉजिटिव पाया गया था।
प्रधानमंत्री जॉनसन ने एनएचएस) के लिए धन एकत्र करने पर मूर को विशेष सम्मान से नवाजा था
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन नमे नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) के लिए धन एकत्र करने पर मूर को विशेष सम्मान से नवाजा था। उन्होंने कैप्टन मूर को सच्ची राष्ट्रीय धरोहर करार दिया था, जो कोरोना वायरस से लड़ाई में रोशनी की एक किरण बनकर आए थे।
30 अप्रैल को सौ वर्ष पूरे होने पर मूर अपने बगीचे में सौ कदम चले थे
पिछले साल 30 अप्रैल को उनके सौ वर्ष पूरे होने पर वह बेडफोर्डशायर के घर में अपने बगीचे में सौ कदम चले थे। उस समय उन्होंने एक हजार पौंड एकत्र किए थे। 1940 में डयूक ऑफ वेलिंगटन की आठवीं बटालियन में मूर ने भारत और तब के बर्मा में अपनी सेवाएं दी थीं। युद्ध के बाद वह एक कंपनी के प्रबंध निदेशक बन गए थे।


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