ब्रिटेन: रूस का यूक्रेन पर शुरू हो चुका है हमला, तनाव चरम पर

Update: 2022-02-22 09:45 GMT

ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री साजिद जावेद ने दावा किया है कि यूक्रेन पर रूस का हमला शुरू हो चुका है और इसे ध्यान में रखते हुए अब ब्रिटेन रूस पर प्रतिबंध लगाएगा। स्काई न्यूज़ से बातचीत में जावेद ने कहा कि आप यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण शुरू कर दिया है। बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के दोनेत्स्क और लुहांस्क गणराज्य के क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता देने के आदेश पर सोमवार को हस्ताक्षर कर दिए जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ गया और मॉस्को के यूक्रेन पर आक्रमण करने की आशंका बढ़ गई है।


पुतिन ने जिस शासनादेश पर हस्ताक्षर किए हैं उसके मुताबिक़ रूसी सेनाएं दोनेत्स्क और लुहांस्क में शांति कायम करने का काम करेंगी। उन्होंने सोमवार को पूर्वी यूक्रेन के इन क्षेत्रों में सैनिकों की तैनाती का आदेश दिया। हालांकि, आशंका है कि रूसी सेनाएं जल्द ही सीमा पार कर लेंगी। ब्रिटिश स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने स्काई न्यूज से कहा कि आप निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि यूक्रेन पर आक्रमण शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि रूस और राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन की संप्रभुता और इसकी क्षेत्रीय अखंडता पर हमला करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि अब हम प्रतिबंधों की शुरुआत करेंगे। जाविद ने कहा कि प्रतिबंधों की घोषणा ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन द्वारा संसद में एक बयान में की जाएगी। हालांकि, ब्रिटेन ने अभी तक यह नहीं बताया है कि प्रतिबंधों के तहत कौन आएगा, लेकिन माना जा रहा है कि इसमें रूसी बैंक भी शामिल होंगे।


संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने यूक्रेन के दोनेत्स्क और लुहांस्क क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता देने के रूस के फैसले पर सोमवार को गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि मॉस्को का फैसला यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुत्ता का उल्लंघन है तथा संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के सिद्धांतों के विरुद्ध है। वहीं, अमेरिका ने इस कदम की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह फैसला मिंस्क समझौतों के तहत रूस की प्रतिबद्धताओं को पूरी तरह खारिज करता है और रूस के इस दावे के विरोधी है कि वह कूटनीति के लिए प्रतिबद्ध है। अमेरिका ने कहा कि यह यूक्रेन की संप्रभुत्ता और क्षेत्रीय अखंडता पर साफ तौर पर हमला है। इस बीच, रूस-यूक्रेन सीमा पर बढ़ते तनाव को लेकर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा कि सभी देशों के वैध सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए तनाव को कम करना तत्काल प्राथमिकता है।

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